29 जून 2010

मौला अली की शान में



कुल  इज्ज़तो  सिफ़ात  जिसे  किर्देगार दे

मौतो-हयात का  भी  जिसे  इख्तियार  दे 

हमने  नहीं  देखा  किसी  काफ़िर  के  लाल  को 

बेटी  नबी  दे  और  खुदा  ज़ुल्फ़िकार  दे 

27 जून 2010

बेहतरीन इंसान

 हज़रत अली (अ.स.) ने फ़रमाया:
अगर तुम बेहतरीन इंसान बन्ना चाहते हो तो अपने इल्म के हिसाब से अमल करो.

26 जून 2010

मीलादे मौला अली मुबारक

१३ रजब के मुबारक मौके पर आप लोगों की खिदमत में हम  तब्रीक पेश करते हैं.
पैग़म्बरे इस्लाम की हदीस है की "अली हक के साथ हैं और हक अली के साथ है". अगर हम यह दावा करते हैं की हम अली के साथ हैं तो हम को हक का साथ देना होगा चाहे हमें जो भी कीमत चुकानी पड़े वरना हमारा दावा झूठा और खोखला होगा. अली का चाहनेवाला कभी बातिल का साथ नहीं दे सकता. 
इस मोक़द्दास मौके पर हम ऋषि बनारसी (सय्यद अली अब्बास ) की कता पेश कर रहे हैं जिसे कल शाम जैनाबिया इमाम बाड़े में रिकाड किया गया.

24 जून 2010

१३ रजब, हज़रत अली (अ.स.) की विलादत का दिन

१३ रजब, हज़रत अली (अ.स.) की विलादत का दिन है . इस मौके पर हम जनाब ज़मीर इलाहाबादी की यह विडियो क्लिप पेश कर रहे हैं. यह कसीदा ज़मीर साहब ने कराची में पढ़ा था.

23 जून 2010

दुखद निधन

मोहल्ला फुलवरिया के जनाब मोहम्मद भाई का पीर के दिन इन्तेकाल हो गया है. मरहूम बहुत दिनों से बीमार थे. मोहम्मद भाई ने ईलाहाबाद में बरसों मरहूम अल्लामा जीशान हैदर जवादी के बंगले की रखवाली की है. आप से एक सूरए फातेहा की दरख्वास्त है.

इल्म (ज्ञान) के मुताबिक अमल

 हज़रत अली (अ.स.) ने फ़रमाया:
अगर तुम एक अच्छा इंसान बन्ना चाहते हो तो अपने इल्म (ज्ञान) के मुताबिक अमल करो. 

22 जून 2010

साकिब रिजवी के सय्युम की मजलिस

कल मग़रिब की नमाज़ के बाद रिज़वी कालिज में मरहूम साकिब रिजवी के ईसाले सवाब के लिए एक मजलिसे अजा का एहतिमाम किया गया था. मजलिस मौलाना जनाब सय्यद हसनैन करार्वी ने पढी .
मौलाना साहब ने मौत की हकीकत, कब्र, बरज़ख, क़यामत, हिसाब और किताब, नेक आमाल और  अज़ाबे कब्र के बारे में बयान किया . हज़रत अली अकबर के मसाएब  ने अजादारों को गिरया करने पर मजबूर कर दिया.
मौलाना शेर मोहम्मद जाफरी (दरबारे हुसैनी), मौलाना  एहसान हैदर (मीरा रोड), मौलाना ज़हीर हसन (माहिम ) और मौलाना तहजीबुल हसन साहब भी तशरीफ़ लाए थे.
रिजवी खानदान के अफराद और दोस्त एहबाब भी मौजूद थे.

21 जून 2010

दुल्लन भाई आज इन्तेकाल कर गए

 करारी के करीब माखूपूर के जनाब मोहम्मद अजहर इब्ने मोहम्मद अतहर जिन्हें दुल्लन के नाम से जाना जाता था आज  इन्तेकाल कर गए. आज ४ बजे शाम तद्फीन हो गई.  आज रात आप हजरात उनके लिए नमाज़े वहशत पढना न भूलें . उनके दो फरजंद हैं. बड़े वाले शमीम रज़ा जो कुम ईरान में दीनी तालीम हासिल कर रहे हैं . और दूसरे फरजंद सगीरुल  सउदी अरब.    

मरहूम सय्यद अमीर अली की २५ वीं बरसी

आज ८ रजब, मरहूम सय्यद अमीर अली इब्ने रौशन अली की २५ वीं बरसी है. मरहूम एक बहुत नामवर मर्सिया ख्वान थे और महफिले मक़सिदा व मजालिसे अजा की शान थे.
आप से सुरे फातेहा की दरख्वास्त है.

20 जून 2010

साकिब रिजवी नहीं रहे

साकिब रिजवी की इन्तेकाल की खबर ने सबको चौंका दिया. १९ जून २०१० को नमाज़ जोहर के वक़्त उन्हों ने आखरी सांस लेकर इस फानी दुनिया को अलविदा कह दिया . उनकी तद्फीन कल रात को ही मग़रिब की नमाज़ के बाद रेह्मताबाद में हो गयी . जनाज़ा में बहुत जियादा लोग शरीक हुए . लोगों ने जनाब डाक्टर अख्तर हसन रिजवी को पुरसा दिया. साकिब रिजवी साहब के दो फ़रज़न्दों में छोटे बेटे थे . तीन साल तक बीमारी से जंग करते रहे और आखिर मौत के आगे हथ्यार डाल दिया. मौत से कोई नहीं जीत पाया .
साकिब रिजवी मिलनसार और  नेक अखलाक के मालिक थे. उन्हों ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया. हमेशा मुस्कुराते रहते थे. करारी में उनका दिल बहुत लगता था. सर्दियों के मौसम में वहाँ जियादा दिल लगता था. वोह हर दिल अज़ीज़ इंसान थे.
उनकी नमाज़े जनाज़ा मौलाना सय्यद हसनैन ने पढाई और कब्र के सरहाने तलकीन भी पढी .
सोमवार २१ जून को रिज़वी कालिज में मरहूम साकिब की तीजे की मजलिस नमाज़े मग़रिब के बाद होगी जिसे   मौलाना हसनैन करार्वी साहब खिताब फरमाएंगे. 

18 जून 2010

हीरा भाई, करारी के नौहा ख्वान

करारी के फुलवरिया मोहल्ले से सम्बन्ध रखने वाले हीरा भाई एक अच्छे नौहा ख्वान हैं. इन की आवाज़ में अजीब दर्द और उदासी पाई जाती है . शोबए जंगलात में ऊँचे ओहदे पर रहते हुए मिजाज़ में नरमी पाई जाती है. कभी ऊँची आवाज़ में उन्हें बात करते हुए नहीं सुना गया और हमेशा धीमी आवाज़ में गुफ्तगू करते सुना गया जब की नौहा बुलंद आवाज़ में पढ़ते हैं. मुहर्रम महीने के पहले दस दिन उन्हों ने करारी में गुज़ारे चाहे उनकी पोस्टिंग कहीं भी रही हो .
यह विडियो फाटक में उनके पढ़े हुए नौहे का है .
 

16 जून 2010

मज़बूत ईमान


हज़रत रसूले अकरम (सल्लल लाहो अलैहे आलेही वसल्लम ) ने फ़रमाया :
ईमान उस वक़्त तक मुस्तेह्कम (मज़बूत) नहीं हो सकता जब तक दिल मज़बूत हो और दिल उस वक़्त तक मज़बूत नहीं हो सकता जब तक ज़बान मुस्तेह्कम हो.

इस हदीस से यह मालूम होता है की मज़बूत और मुस्तेह्कम ईमान के लिए ज़रूरी है की एक मोमिन की ज़बान उसके काबू में हो। उसकी ज़बान से दुसरे मोमिनीन महफूज़ रहें । अगर ज़बान खराब तो ईमान खराब । अगर ईमान खराब तो आखेरत खराब और बर्बाद ।

15 जून 2010

आज रजब महीने की दूसरी तारीख है

रजब, इस्लामी हिजरी कमरी साल का सातवाँ महीना ।
यह चार बा हुरमत महीनों में से एक है। तीन और महीने हैं : मुहर्रम, जुलकादा और ज़ुल्हिज्जा।
रजब का मतलब है "एहतेराम" । जन्नत में एक दूध की नहेर का नाम है।
रजब के महीने में जंगे खैबर जीती गयी थी । इसी महीने में किबला बदला था, बैतूल मुक़द्दस से खाने काबा की तरफ मुंह कर के नमाज़ का हुक्म हुआ।
हज़रत मोहम्मद (अ स ) ने फरमाया : रजब अल्लाह का महीना है, शाबान मेरा महीना है और रमजान मेरी उम्मत का महीना है।

अब हिंदी में ब्लॉग्गिंग होगी

हिंदी भाषा उर्दू से ज्यादा करीब है। इसी लिए अंग्रेजी की जगह हिंदी में बात कही जा सके ताकि सब पढ़ और समझसकें आप की राए हमारे लिए कीमती है हमारी कोशिश यही रही है की हम करारी से सम्बन्धित अच्छी खबर छापेंऔर हम ने किया भी यही।
कभी मजबूरन या अनजाने तौर पर अगर कोई नागवार खबर गई तो लोगों की गुज़ारिश पर उसे ब्लॉग से निकालभी दिया , क्यूँ की हमारा मकसद किसी की मुखालेफत करना नहीं है और ही किसी से दुश्मनी निकालना है।
लोगों के दरमियान अच्छे ताल्लुकात हों यही हमारी पालिसी है।

Demand to switch to Hindi language

Our readers are calling and requesting to switch the blog matter from English to Hindi language. We had tried once but were unsuccessful. Again we will give a try. Please pray for our success.

14 जून 2010

The Purpose of Karari Blog

Dear Readers,
This blog pertaining to Karari has been uploading events, news and personality introductions. We have tried our best that whatever appears on this blog should be positive and helpful to the Kararians. It could not be updated regularly because to run a blog, the blogger should be present in Karari otherwise it is difficult to get full and exact information.
The bomb blast took place in Feb'2010, in which 4 school children were fatally injured. The news had come through different sources. The names of number of persons was rumoured to be involved in it, but, we abstained to put them without authentic confirmation. A name had appeared in the report due to mistaken identity as he did not belonged to Karari.
The news update on the case is that the actual person has surrendered and others suspects have been cleared out.
But, it is sad that some ill-will persons are trying to create negative atmosphere and are trying to settle their old scores on this issue.
It is appreciable that Mr. Rashid Rizvi of Rizvi College, Karari has played a constructive role in this issue and eased the tension among the personalities through his positive approach.
We pray that Almighty Allah guides His servants on right path.