27 जून 2011

तद्फीन आज 4 बजे शाम

दर्यापुर मंझ्यावा के मरहूम मोहम्मद हैदर जिन का इन्तेकाल गुज़िश्ता शब् 10 बजे हुआ था आज शाम  4 बजे तद्फीन को होगी. 
फ़रज़न्दे अकबर इरफ़ान सउदी अरब के शहर अल्हासा में हैं, उनकी शिरकत मुमकिन नहीं है. लेकिन छोटे फरजंद रिजवान आज सुब्ह की परवाज़ से बम्बई से लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं. 
सउदी अरब में इरफ़ान से राबता के लिए 00966564809442 पर कॉल किया जा सकता है. 
मरहूम को सूरा फातेहा से याद करें और आज नमाज़े मग़रिब के बाद नमाज़े वहशत पढना न भूलें.

26 जून 2011

मंझ्याएँ के मोहम्मद हैदर इन्तेकाल कर गए

करारी से करीब एक मशहूर गाँव दर्यापुर मंझ्यावा के मोहम्मद हैदर साहब का आज एक तवील बीमारी की वजह गाँव  में ही  इन्तेकाल हो गया. मरहूम ने बम्बई में भी अपनी उम्र का एक हिस्सा गुज़ारा था, पहले वोह इमामबाडा बबरअली में रहते थे उसके बाद वोह मलाड मालोनी मुन्ताकिल हो गए. 
इरफ़ान इलाहाबादी और रिजवान करारवी यह दोनों नौजवान शाएर इन्हीं मरहूम के फरजंद हैं. इरफ़ान फिलवक्त सौदी अरब में रोज़गार कम रहे हैं और रिजवान बम्बई से करीब पनवेल में बरसरे रोज़गार हैं.
मरहूम की तद्फीन कल ज़ोहरैन की नमाज़ के बाद मंझ्याएँ में होगी.
मज़ीद तफसील और ताज़ियत के लिए रिजवान को  07498498731 पर राबेता किया जा सकता है.


21 जून 2011

मीसाक़ महदी (शाज़ रिजवी) की अज़ान

आज शाज़ ने MyKarari.com के लिए अज़ान रिकोड करवाई. उन्हों ने कहा की उनकी ज़िन्दगी का मकसद है की वोह कुरआने करीम के एक अच्छे क़ारी और एक अच्छे मुआज्ज़िन बनें. 
दुनिया में जिस जिस जगह की मस्जिद जाएँ वहां अज़ान दें. आइए हम देखें की वोह अपने मकसद में कब कामयाब होते हैं. आप भी उनकी कामयाबी के लिए दुआ करें.

16 जून 2011

अशरफ भाई के घर निआज़

आज 13 रजब , हज़रात अली (अ.स.) की  विलाद के मौके पर बम्बई के अलग अलग इलाकों में मौला अली के चाहने वालों ने अपने घरों में नज्र  का एहतिमाम किया जिसे कूंडा भी कहा जाता है. अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को दावत दी. नज्र में खीर, मिठाई, पूड़ियाँ, चना बटाटा, दही वडा, मीठी टिकया और सालन चावल रखा गया.
 बांद्र इलाके में बब्बन मामूं (मरहूम याकूब हसन रिज़वी) के घर और सान्ताक्रुज़ में अशरफ भाई के घर नज्र चखने के लिए गए थे. तमाम चीज़ें खुश जाएका थीं. 
बांए तरफ वामिक और दाईं तरफ अशरफ भाई नज्र करने के बाद चखते हुए.

14 जून 2011

अल्लामाह जीशान हैदर जवादी (ताबा सराह)

यह तवीर मरहूम के चेहलुम के मौके पैर बनाई थी. इसे इलाहाबाद में स्टेज पर लगाया गया था. 

11 जून 2011

मरहूम सय्यद अमीर अली रिज़वी की 26 वीं बरसी

कल 9 रजब को हमारे दादा मरहूम सय्यद अमीर अली रिज़वी की 26 वीं बरसी है. मरहूम का इन्तेकाल 1985 में तकरीबन 95 साल की उम्र में करारी में हुआ था. मरहूम इलाहाबाद और करारी परगना के अतराफ में अपने दौर के जाने माने मर्सिया खाँ थे. अक्रबा परवरी की एक मिसाल से. 
कर्बला की जियारत का भी शरफ हासिल किया था. उनके दौर में इमाम हुसैन (अ.स.) की जियारत के लिए जाना नहीं था, पानी के जहाज़ से बसरा (इराक) सफ़र किया जाता था और वहां से रेल से कर्बला जाना पड़ता था. 
अल्लाह तआला मरहूम का शुमार अहलेबैत (अ.स.) के चाहने वालों में करे. एक सुरह फातेहा की दरख्वास्त है.
मरहूम अमीर अली की 26 वीं बरसी पर बम्बई में उनकी तीसरी, चौथी और पांचवीं नस्ल फातेहा देते हुए.

मरहूम सय्यद मंज़ूर तकवी (कज्जन) की पहली बरसी

आज करारी जामे मस्जिद में नमाज़े ज़ोह्र से पहले मरहूम सय्यद मंज़ूर तकवी उर्फ़ कज्जन,की पहली बरसी की मजलिस हुई जिसे प्रोफ़ेसर अबुल कासिम साहब ने ख़िताब किया. मरहूम का गुज़िश्ता साल कानपूर में इन्तेकाल हुआ और उनकी तद्फीन करारी में हुई. बरसी की मजलिस में तमाम बेटे और दामाद शरीक थे. मरहूम ने अपनी हयात के आखरी साल का हज अदा किया और मुहर्रम में हर मजलिस में मौजूद रहते थे.

09 जून 2011

मरहूम साकिब रिज़वी की पहली बरसी

मरहूम साकिब रिज़वी की पहली बरसी, रविवार (इतवार), 12 जून रिज़वी कालिज बांद्रा में मुनाकिद होगी.
सुबह 11 बजे कुरआन खानी के बाद जनाब मीर नज़ीर बाक़री साहब पेश्खानी करेंगे और उसके बाद मौलाना सय्यद ज़हीर अब्बास साहब खेताबत फर्माएंगे. आप से शिरकत की दरख्वास्त है. अगर मुमकिन न हो तो एक सुरह फातेहा से मरहूम को याद कर लें.

अग्यओना गाव का एक जवान

करारी से क़रीब अग्यओना गाव के एक जवान, जनाब शजरुल तकवी. आप बम्बई शहर में रहते हैं. बहुत नेक और दिलचस्प शख्सियत हैं. अल्लाह इन्हें तरक्की दे, क्यूंकि यह मेहनतकश और इमानदार हैं. अगर अच्छी नौकरी मिल जाए तो शजरुल GULF जाने के लिए भी तैयार हैं. आज के दौर में ऐसे जवान कम ही दस्तयाब हैं. इन्हें आप Facebook  पर  भी देख सकते हैं. Shajrul Taqvi.
   

08 जून 2011

तन्जीमुल मकतिब के एक और अहेम रुक्न का इस्तीफा

अलहाज मौलाना मोहम्मद अली आसिफ साहब ने तन्जीमुल मकातिब से इस्तीफा दिया. इस की मोकम्मल रिपोर्ट उर्दू में पेश है. इसे क्लिक करके download करें.

07 जून 2011

पह्चानिए, कौन?

यह साहब करारी के पास अमुरा गाव से ताल्लुक़ रखते हैं.