10 अगस्त 2011

बम्बई में मजलिसे तरहीम

 बम्बई में मरहूम सय्यद गुलाम हसनैन रिज़वी करार्वी की मजलिसे तरहीम 8 अगस्त को जैनाबिया में इफ्तार से पहले हुई. मौलाना हसनैन करारवी ने खिताब किया. ये तस्वीरें उसी प्रोग्राम की हैं.

बड़ी मुश्किल से होता है चमन में..

 
Aug 08, 11:16 pm
करारी, कौशाम्बी :
हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा। इस शेर का ख्याल गुजर चुके विद्वानों की शान में आया है जिन्होंने अपने इल्म से एक अच्छे समाज की संरचना की है। करारी कस्बे के इल्मी घराने में पैदा मौलाना गुलाम हसनैन रिजवी इन्हीं में से एक थे।
मौलाना गुलाम हसनैन रिजवी कस्बे के हजरतगंज में सैयद अमीर अली के घर वर्ष 1934 में पैदा हुए। इबतेदाई तालीम मदरसे में हासिल की। उसके बाद इलाहाबाद जाकर इंटर तक की तालीम ली। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए करके लखनऊ के नाजमियां अरबी कालेज में दीनी तालीम हासिल की। वहां से निकलकर मुंबई पहुंचे। जहां हबीब हाईस्कूल में शिक्षक की हैसियत से नौकरी कर ली। इस बीच वो अल्मुनतजर व खुद्दामुज्जायरीन नामी रिसाले के एडीटर बने। उन्होंने फारसी की करीब ढाई सौ किताबों का उर्दू और हिंदी में अनुवाद भी किया। वह सात जबानों के ज्ञाता थे। उन्होंने ने अपने जीवनकाल में कौशाम्बी में दीनी तालीम की अलख जगाई थी। करारी कस्बे में नौजवानों को तालीम से आरास्ता करने का बीड़ा उठाया था। युवाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करने में उनका अहम योगदान रहा। अच्छे समाज की संरचना के ख्वाब में हर वक्त डूबे रहने वाले इस नेक इंसान का इंतकाल रमजान के पाक महीने में वर्ष 1996 में सातवीं तारीख को हुआ। उनकी याद में रविवार की रात कस्बे की शिया जामा मस्जिद में मजलिस आयोजित की गई जिसे मौलाना सैयद मो.आमिर काजमी ने खेताबत किया। इस मौके पर शोएब सलमान, जैनुल अब्बास, नैयर रिजवी, शाहिक रिजवी, शहाब रिजवी व शहबाज रिजवी मौजूद रहे और आखिरी में मासूम की फरमाई यह बात याद आई कि मौतुल आलिम (विद्वान) की मौत सारी दुनिया की मौत होती है। इस आलिम की मौत को आज भी कस्बे को लोग याद करते हैं।
Nayyar Kararvi (Dainik Jagran)

शहेंशाह हुसैन अस्पताल से खारिज

बेरुई के शहेंशाह हुसैन जो दो महिना पहले बांद्रा पूर्व से मीरा रोड मुन्तकिल हुए हैं शदीद मलेरिया हो जाने की वजह से बम्बई सेंट्रल में रेलवे अस्पताल . जगजीवन राम में एक हफ्ते के  लिए दाखिल थे. अब अलहम्दो लिल्लाह सेहत्याब हो घर भेज दिए गए हैं. 
अगर कोई उनसे राबता करके उनकी खैरियत लेना चाहे तो उन्हें 09967511783 पर फोन कर सकता है.
    8 अगस्त को रेलवे अस्पताल में शहेंशाह हुसैन