30 नवंबर 2011

करारी की मज्लिसें

इस्लामी तारीख़ के हिसाब से 1433 का आज चौथा दिन है. करारी में अब शहर से लोग आना शुरू हो जायेंगे. ज़ाकेरीन की तादाद इस साल अच्छी है.
सुबह 10 बजे रोशन अली के इमामबाड़े (बरगद) में मौलाना मुन्तज़िर महदी का बयान होता है.
मग्रिबैन के बाद  फाटक की मजलिस मौलाना जवाद  हैदर (जूडी) पढ़ रहे हैं.
रात ही में चौधरी के इमाम बाड़े में मौलाना शमीम रज़ा साहब जाकरी कर रहे हैं और रात की आखरी मजलिस खरकापर में मौलाना ज़ोहैरकैन साहब की खिताबत होती है.
बकिया तफसील करारी पहुँच कर. 

27 नवंबर 2011

आशिके शब्बीर दहशतगर्द होता ही नहीं

जिसकी   आँखें  हों  गमे   करबो बला  के  वास्ते
वोह  कभी  इरफान अपने  गम  प  रोता  ही  नहीं
दर  हकीकात  येह  गमे  शब्बीर  क  एजाज  है
आशिके   शब्बीर   दहशतगर्द   होता   ही  नहीं

21 नवंबर 2011

मरहूम पंजतन की तद्फीन आज दो बजे दिन में

 मरहूम पंजतन की तद्फीन आज दोपहर दो बजे करारी कर्बला में होगी.
एक तूलानी बीमारी के बाद कल घर पर इन्तेकाल हो गया था.
आप से नमाज़े मग़रिब के बाद मरहूम के लिए नमाज़े वहशत की दरख्वास्त है.
मरहूम पंजतन इब्ने काजिम हुसैन.

19 नवंबर 2011

मरहूमा ततहीर फातेमा की मजलिसे बरसी

कल इतवार 20 नवम्बर को  मरहूमा  ततहीर फातेमा की पहली बरसी के मौके पर मीरा रोड की महफिले पंजतन में मजलिसे अजा का इनएकाद किया गया है.
मौलाना सय्यद हसनैन करार्वी साहब जाकेरी फरमाएंगे.
सुबह 10 बजे कुरआन खानी के बाद मजलिस शुरू हो जाएगी
आप लोगों से शिरकत की दरखास्त है.
मजीद मालूमात के लिए 9969153744 पर साहबजादे साहब से राबता किया जा सकता है. 

17 नवंबर 2011

हुसैन आलम के मकान पर महफिले ग़दीर

husain aalam apna kalaam pesh karte hue
ईदे ग़दीर की मुनासेबत से मंगल को रात 9 बजे मीरा रोड, मुंबई  में हुसैन आलम के दौलत खाने पर महफिले मक़सिदा का इनेकाद कियागया. जिस मोमिनीन ने अच्छी तादाद में शिरकत की.

मीरा रोड के शाएरों के अलावा मेहमान शाएरों ने भी शिरकत की.
इर्ला से सादिक रिज़वी तशरीफ़ लाए थे. शमीम अब्बास ने भी अपने कलाम से नवाज़ा.
हसन करारवी ने सामईन से बहुत दाद बटोरी.
यह महफ़िल गुज़िश्ता तीन बरसों से ग़दीर के रोज़ हो रही है.
जिन लोगों ने अपना कलाम पेश किया उन्हें तहाऍफ़  से नवाज़ा गया.
हुसैन आलम साहब अक्सर अपने घर पर इस किस्म की तक्रीबात रखते हैं. अल्लाह उनकी तौफिक़ात में इजाफा करे.
ज़मज़म पुलाव बहुत शानदार रहा.

15 नवंबर 2011

इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलैहे राजेऊन

करारी के करीब, अतरसुय्या के रहने वाले हाजी सादिक अब्बास का आज सुबह इन्तेकाल हो गया. मरहूम तकरीबन 80 बरस के थे.
कल इंशाअल्लाह उनके आबाई गाँव अतर सुय्या में तद्फीन होगी.
मरहूम के दो फरजंद, हैदर अब्बास (हद्दू) और मोहम्मद अब्बास हैं.
एक सुरह फातेहा की गुज़ारिश है.

खेल के मैदान में