31 मार्च 2012

रुशैद रिज़वी, शबीब रिज़वी और ओज़ैर रिज़वी को मुबारक बाद

शबीब रिज़वी के फरजंद रय्यान का निकाह कल रात उज़ैर रिज़वी की दोख्तर से उनकी रिहाइश गाह पर हुआ. दूल्हा और दुल्हन जनाब यूसुफ हसन रिज़वी के पोता पोती हैं. 
मरहूम मंज़ूर हसन रिज़वी के खानदान से सभी अफराद इस तकरीब में मौजूद थे.
लड़के की जानिब से मौलाना अहमद अली आबिदी साहब वकील थे और लड़की की जानिब से मौलाना जैगमुर रिज़वी.
एक शब् पहले यानी शबे जुमा शबीब के बड़े भाई रुशैद रिज़वी की दोख्तर का निकाह नाहीद अब्बास के हमराह  हुआ था. 


28 मार्च 2012

गाह ज़हरा कभी अली ज़ैनब

क्या  करूं  मैं  सना  तेरी  ज़ैनब
तुझ  पे  सदके  सुखनवरी   ज़ैनब   
तेरे  शीरीं  सुख़न  का  क्या  कहना 
तेरा  सानी  नहीं  कोई   ज़ैनब  
खुश  कलामी  से  आप  लगती  हैं
गाह  ज़हरा  कभी  अली   ज़ैनब  
जिस  क़बीले  का  चाँद  है  अब्बास
है  उसी  घर  की  चांदनी   ज़ैनब   
तेरा  इरफ़ान  मिल  गया  जिसको 
उसकी  दुनिया   संवर  गई   ज़ैनब  

इरफ़ान इलाहाबादी 

26 मार्च 2012

जुलूसे अमारी 2012

जुलूसे अमारी 2012 में हुसैन भाई निजामत के फराएज़ अंजाम देते हुए.

शकील रिज़वी को मुबारक हो

करारी के अहाता मोहल्ला के शकील रिज़वी को अपनी कंपनी की अच्छी कार्करदगी पर अवार्ड मिलने पर हम मुबारकबाद पेश करते हैं.
नीचे तस्वीर में शकील रिज़वी बाएँ से तीसरे, अवार्ड लेते हुए. 
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अब्बास रिज़वी का निकाह हो गया

कल रात बम्बई के रिज़वी स्प्रिंग फील्ड स्कूल हाल में मरहूम सय्यद मंज़ूर हसन रिज़वी के पोते और सय्यद सिब्ते हसन रिज़वी के तीसरे फरजंद अब्बास रिज़वी का निकाह हो गया. इस तकरीब में  रिज़वी खानदान के सभी लोग और अब्बास के दोस्त अह्ब्बाब मोजूद  थे.
दुल्हन के वकील मौलाना सय्यद ज़की नूरी साहब और अब्बास के वकील मौलाना ज़ुल्फ़िकार महदी साहब थे. यह सादी तकरीब नमाज़े मग्रबैन के बाद खाने पर ख़त्म हुई.
अल्लाह तआला इस जोड़े को नेक ज़िन्दगी गुज़ारने की तौफीक अता करे और उनकी नस्ल में नेक और अहलेबैत (अ.स.) की चाहने वालों की आमद हो.  

22 मार्च 2012

मस्जिदे क़ाज़ी में मजलिसे तरहीम

मरहूमा हुसैन फातेमा (हुसैना) बिन्ते मरहूम नफीसुल हसन के ईसाले सवाब के लिए मस्जिदे क़ाज़ी (इलाहाबाद) में आज नमाज़े मग्रेबैन के बाद मजलिसे तरहीम का इनेकाद किया गया है जिनका इन्तेकाल 25 ज़िलहज (21 मार्च 2001 ) को हुआ था.
मरहूमा ने 1997 में अपने वालिद, मरहूम नफीसुल हसन (जिन्हें हम लोग भुग्गी कह कर मुखातिब करते थे) के हमराह हज के फराएज अंजाम दिए थे. हमें याद है कि  उस साल हमारा पहला हज था और हमारी मुलाक़ात मरहूमा से सफा की पहाड़ी पर सई करते हुए हुई थी. हमारी वालेदाह भी साथ थीं.
मरहुमीन मुस्लिम टूर के काफिले के साथ आए थे जो मरहूम मौलाना ज़फर अब्बास की जेरे निगरानी में था.
अल्लाह तआला इन मरहुमीन के दरजात में बुलंदी अता करे. यह लोग बहुत नेक इंसान थे.
आप लोगों से सुरह फातेहा की गुज़ारिश है. 

साल गिरह मुबारक


हमारे मामूं जनाब युसूफ हसन रिज़वी को उनकी साल गिरह पर ढेर सारी मुबारकबाद. अल्लाह तआला उन्हें अच्छी सेहत और तूलानी उम्र अता करे. 

19 मार्च 2012

टमाटर सूप बनाने का तरीका

टमाटर का सूप बनाने के लिए सामान 
4 -5 बड़े टमाटर, ढाई कप दूध, 1 प्याज, 2 -3 कलि लहसुन (चाहें तो ), एक चौथाई छोटी चम्मच पीसी सफ़ेद मिर्च, डेढ़ छोटी चम्मच नमक, सजावट के लिए आधा कप अंकुरित मुंग व चनें|
सूप बनाने का तरीका

  • सबसे पहले टमाटर, कटी हुई प्याज, लहसुन, आदि को मिक्सी में बारीक बारीक कर पीस लें, पिसने के बाद इसे छान लें|

  • अब पतीले में आवश्यकतानुसार घी गरम करके इसमें दूध डालकर मिला दें तथा अच्छी तरह उबालकर नमक, मिर्च व अन्य सभी सामग्री डालें|

  • कुछ समय बाद पतीले को नीचे उतारकर इस पर उबले अंकुरित चनें व मुंग दाल दें|अब आपका स्वादिष्ट टमाटर का सूप तैयार है|

  • 05 मार्च 2012

    ज़बान वक्फ है बस मदहे अस्करी के लिए

    इमाम हसन अस्करी (अ.स.) की विलादत के मौके पर मीर हसन मीर की एक मंक़बत:


    न खुसरवी के लिए है न अफसरी के लिए
    ज़बान वक्फ है बस मदहे अस्करी के लिए

    अगर न मिलती इन्हें नूरे अस्करी की ज़कात
    तरसते चाँद सितारे भी रौशनी के लिए

    गिराया आप का रौज़ा जिन्हों ने ऐ मौला
    शिकार पहला बनेंगे वह आखिरी के लिए

    इमाम फिर से बुलाएं मुझे भी सामर्रा
    तरस रही है जबीं कब से बंदगी के लिए

    मेरे इमाम का हमसर वह कैसे लाते भला
    मिला न जब कोई क़मबर की हम्सरी के लिए

    यह बोले दार पे मीसम मैं कैसे रुक जाऊं 
    ज़बां मिली है मुझे सिर्फ अली अली के लिए

    अली को देख के बालिं पर मैं पुकारूँगा
    ऐ मेरी मौत ठहर जा तू दो घडी के लिए

    हमें यह फख्र के हम उन के दर के नौकर हैं
    फ़रिश्ते खुद जहाँ आते हैं नौकरी के लिए

    नबी की आल से टकराए क्या ज़रूरी है
    तरीके और भी राएज हैं ख़ुदकुशी के लिए

    अलम बराए सहबा था जंगे खैबर में
    अलिफ़ से सब के लिए ऍन से अली के लिए  

    04 मार्च 2012

    सरकार हैदर के मकान पर कसीदा की महफिल

    कल रात  पारा के  सरकार हैदर रिज़वी  के मकान पर इमाम  हसन अस्करी (अ.स.) के रोज़े विलादत के सिलसिले में एक  कसीदा  की महफिल का इनेकाद किया गया. यहाँ करारी से ताल्लुक रखने वाले मोमिनीन जमा हो गए. ग्यारहवें इमाम की शान में कसीदा और मन्क़बत पढ़ी गई. जिस में डाक्टर अब्बास आलम, तूसी, ज़हीरुल, ज़व्वार, जावेद रिज़वी, हसन इलाहाबादी और शमीम अब्बास ने हिस्सा लिया.
    आखिर में मौलाना एहसान हैदर जवादी ने एक मुख़्तसर सी तक़रीर करके प्रोग्राम का इख्तेताम किया.
    मुर्ग़ की लज़ीज़ बिरयानी से मोमिनीन ने लुत्फ़ उठाया.
    नीचे इसी महफ़िल के दो कलाम का विडियो है, देखिए और comment कीजिए.


    03 मार्च 2012

    अबू मोहम्मद, मुबारक हो


    अबू मोहम्मद साहब करारी की फ़अआल शख्सियतों में से एक है. दीन की गुफ्तगू हो या समाजी, आप पेश पेश रहते हैं. यही नहीं, बल्कि मजालिस की पेश्खानी अपने अनोखे और जोशीले अंदाज़ में मर्सिया पढ़ कर करते हैं. यह मरासी अक्सर तबलीगी और इन्क़लाबी होते हैं.
    आज करारी में उनके दौलतखाने पर बरात की आमद है. उनकी दोख्तर सदफ का अकद नजरुल महदी के हमराह होना है.
    My Karari की जानिब से उनको और उनके ख़ानदान को बहुत बहुत मुबारकबाद.