20 नवंबर 2012

करारी में धीमा इन्टरनेट नेट वर्क

करारी में इन्टरनेट का बहुत सुस्त और धीमा नेट वर्क होने से कोई पोस्ट अपलोड नहीं हो पा  रही है।
500 kb  की फोटो अपलोड करने में 20 से 25 मिनट लग रहे हैं।
मुहर्रम मजलिस और जुलूस की रिपोर्ट न देने की वजह से बहुत अफ़सोस है। अब तमाम रिपोर्ट्स बॉम्बे पहुँच कर अपलोड होंगी इंशा  अल्लाह .   

16 नवंबर 2012

लल्ली मियां के मकान पर मजलिसे अज़ा

कल 2 मुहर्रम 
अम्बाही बाग़, नया गंज में दोपहर 2 बजे 
मरहूम हाशिम अली  (लल्ली मियां) के मकान पर मजलिसे अज़ा मुनाकिद होगी। 
बाद मजलिस शबीहे अलमो ताबूत बरामद होकर क़ासिम अली के मकान तक जाकर वहीँ से लौट आएंगे।
आप लोगों से शिरकत की गुज़ारिश है।

15 नवंबर 2012

मुहर्रम 1434: अय्यामे अज़ा का आगाज़


मुहर्रम का चाँद नमूदार हो चुका है। दुनिया भर के अज़ादार गमे हुसैन (अ,स) मनाने के लिए आमादा  हो चुके है। अज़ाखाने सज चुके हैं। फरशे अज़ा बिछ चुका है। सबीलें लग चुकी हैं। हर तरफ नौहा ख्वानी हो रही है।

करारी में भी चाँद देखा गया। आज पहली मुहर्रम की शब् है। अभी थोड़ी ही देर में अम्बाही बाग़, नया गंज में ज़ाहिद अली साहब के मकान पर मजलिस होने जा रही है और बाद मजलिस शबीहे अलमो ताबूत बरामद होंगे।

कल पहली मुहर्रम को नमाज़े ज़ोहरैन के बाद करबला के क़रीब, हीरा भाई के घर पर मजलिस होगी और उसके बाद शबीहे अलम , ताबूत और ज़ुलजनाह बरामद होँगे। यह जुलूस अभी चंद साल पहले से बरामद हो रहा है। 

ग्यारह मुहर्रम को मजलिसे तरहीम

मरहूम मोहम्मद अख्तर आबाद हुसैन 
और मरहूम सय्यद असरार हुसैन (बेच्चन बाबा)
के ईसाले सवाब की मजलिस 

14 नवंबर 2012

केसन भाई के दोनों हाथों में लड्डू ।

अल्लाह तआला केसन भाई को बा सेहत रख्खे। 
बहुत अच्छी  और दर्द भरी सोज़ ख्वानी करते हैं।
रोते हुए को हंसाते हैं और हँसते हुए को देख कर मुस्कुराते हैं।
बा हुनर इंसान हैं लेकिन अपने हुनर को तरक्क़ी के लिए इस्तेमाल नहीं करते। छमिरछा को रहीमपुर मुलानी पर तरजीह दी।
रहीमपूर मुलानी में 7 रबीउल अव्वल को जुलूसे अमारी निकालते हैं।
बहुत मेहनत  करते हैं। बहुत अच्छा शबीहे ज़ुल्जनाह सजाते हैं।उसके जेवरात का ख़ास ख़याल रखते हैं।
महफ़िल की ज़ीनत हैं। अगर केसन भाई बोल रहे हों तो सब ख़ामोश रहते हैं, सिर्फ सुनकर लुत्फ़ अन्दोज़ होते  है।
उन जैसा क़िस्सा गो परगना करारी में मुश्किल से मिलेगा।
अगर कैमरे के सामने भी ऐसी गुफ्तगू करें तो सीरियल के अच्छे नायक हो जाएं।एहकाम की पाबंद शख्सियत हैं। परवरदिगार इनकी परेशानियों को दूर करे। आमीन रब्बल आलमीन 
केसन भाई के दोनों हाथों में लड्डू  है। यानी दीन  और दुनिया 

11 नवंबर 2012

मरहूम ग़ुलाम पंजतन की बरसी की मजलिस

करारी शिया जामे मस्जिद में आज 11.00 बजे मरहूम ग़ुलाम पंजतन की बरसी की मजलिस हुई जिसे मौलाना रजा हैदर साहब ने ख़िताब किया।
आप से सूरह फातेहा की दरख्वास्त है। 
मरहूम ग़ुलाम पंजतन इब्ने क़ाज़ी हुसैन।


10 नवंबर 2012

आज इलाहबाद, क़ाज़ी जी की मस्जिद में मजलिसे तरहीम


शेरू और शीलू ब्रद्रान ने आज अपनी वालेदा मरहूमा हुसैन फातेमा के ईसाले सवाब के लिए मस्जिदे क़ाज़ी में नमाज़े मग्रेबैन के बाद मजलिस का एहतेमाम किया है।

आप लोगों से शिरकत की दरख्वास्त है। मोमेनीन से एक सुरह फातेहा की गुज़ारिश है। 

08 नवंबर 2012

दर की है ज़िद ........

मरहूम दबीर सीतापुरी अपने बेहतरीन अंदाज़ में 13 रजब के मौके पर क़सीदा पढ़ते हुए। 
सुनिए और उन्हें सूरह फातेहा से याद करिए। 
अल्लाह मरहूम पर रहमत नाजिल करे।

06 नवंबर 2012

मीरा रोड में महफिले ग़दीर

मीरा रोड में जनाब हुसैन आलम के दौलत कदे पर हर साल की तरह इम्साल भी 4 नवम्बर को महफिले मक़ासिदा का इह्तेमाम किया गया।
जिसमें 10/12 मौला के चाहने वालों ने अपना कलाम पढ़ा। 
पढ़ने और सुनने वालों की खिदमत में तहाइफ़ पेश किए गए और ज़म ज़म बिरयानी पर प्रोग्राम इख्तेताम पज़ीर हुआ।
नीचे दो कलाम का ऑडियो है। जनाब हसन ईलाहाबादी और मुनीर फैज़ाबादी की अपनी आवाज़ में।




04 नवंबर 2012

इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलैहे राजेऊन

करारी के करीब बेरूई के मरहूम शहेंशाह आलम की ज़ौजा का आज 6.30 शाम अपने वतन में एक तवील अलालत के बात इन्तेकाल हो गया।
तीन साल पहले मरहूम शहेंशाह आलम ने इस दुन्याए फानी को खैरबाद कहा था।
तद्फीन कल दोशम्बे (पीर) को होगी।