मरहूम मंज़ूर तकवी (कज्जन), इस मुहर्रम में बहुत याद आएँगे. गुज़िश्ता साल वोह हर मजलिस में शरीक हुआ करते थे. अल्लाह उनका शुमार अहलेबैत के चाहनेवालों में करे.
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मजलिस में गिरया करते हुए. |
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मजलिस में गिरया करते हुए. |
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27 नवम्बर , आर्थर रोड, कस्तूरबा आस्स्पताल में |