लोग दुनिया के बन्दे हैं और दीन सिर्फ उनकी ज़बानों पर चढ़ा हुआ है.
जब तक उनको मुनाफा मिलता रहेगा दीन का नाम लेते रहेंगे ....
उस के बाद जब बलाओं के ज़रिए आज़माए जाते हैं तो
दीन्दारों की तादाद खुदबखुद कम हो जाती है.
-----इमाम हुसैन (अ.स.)