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04 अप्रैल 2013

नमाज़े मग्रेबैन के बाद मजलिस

अभी नमाज़े मग्रेबैन के फ़ौरन बाद ईसाले सवाब की एक मजलिस करारी शिया जामे मस्जिद में होने जा रही है जिसकी खिताबत क़ुम ईरान से आए हुए मौलाना जैगमुर रिज़वी करने वाले है। 
यह मजलिस मरहूम सय्यद मंज़ूर हसन रिज़वी, मरहूमा कनीज़ कुबरा और मरहूम सय्यद ग़ुलाम हसनैन करार्वी के ईसाले सवाब के लिए रखी  गई है। 
आप से गुज़ारिश है की इनके लिए एक सुरा फातेहा ख़त्म करें। 

11 नवंबर 2012

मरहूम ग़ुलाम पंजतन की बरसी की मजलिस

करारी शिया जामे मस्जिद में आज 11.00 बजे मरहूम ग़ुलाम पंजतन की बरसी की मजलिस हुई जिसे मौलाना रजा हैदर साहब ने ख़िताब किया।
आप से सूरह फातेहा की दरख्वास्त है। 
मरहूम ग़ुलाम पंजतन इब्ने क़ाज़ी हुसैन।


05 फ़रवरी 2012

करारी में मजलिस के दौरान जाकिर पर एतेराज़

करारी शिया जामा मस्जिद में मौलाना गरवी साहब मजलिस पढ़ते हुए.

करारी शिया जामा मस्जिद में उस वक़्त हंगामा हो गया जब मौलाना गरवी साहब (अहमदाबाद) ने अपनी मजलिस की शुरुआत करारी वालों पर अफ़सोस जताते हुए किया. और कहा की उनके लिए यह खबर गिरां गुजरी के करारी की इसी मस्जिद में ईदे ग़दीर की नमाज़ बा जमाअत हुई.
इस बात पर मजलिस में शरीक मोमिनीन ने ज़ेरे मिम्बर इस खबर की तरदीद की और कहा की मौलाना साहब पहले आप लोगों से तस्दीक कर लें उसके बाद इस तरह से मिम्बर से माईक पर इजहारे अफसोस करें.
मजलिस में बहेस छिड गई और मौलाना साहब ने अपने अलफ़ाज़ वापस लेते हुए मजलिस को आगे बढाया.
यह मजलिस मरहूम मोहम्मद रज़ा के ईसाले सवाब के लिए रखी गई थी और यह सालाना मजलिस 7 रबीउल अव्वल को नमाज़े मग्रबैन के बाद होती है.
ईदे ग़दीर में नमाज़े जमाअत की बहेस मजलिस के बाद भी जारी रही. मोमिनीन ने मौलाना गरवी साहब को समझाया के आइन्दा कोई इस तरह की गुफ्तगू सरे मिम्बर करने से पहले उसकी मुकम्मल तहकीक और तस्दीक कर लें वरना समाज में बिला वजह इख्तेलाफ पैदा होजाता है.
करारी में कोई ऐसा वाक़ेया पेश नहीं आया और न किसी ने ईदे ग़दीर की नमाज़ बा जमाअत  पढ़ी और न पढ़ाई. 

31 जनवरी 2012

आज नमाज़े मग्रबैन के बाद मजलिसे तरहीम

करारी शिया जामे मस्जिद में मरहूम सय्यद मोहम्मद रेज़ा की बरसी के मौके पर आज नमाज़े मग्रबैन के बाद मजलिसे तरहीम का इनेकाद  किया गया है जिसमें मौलाना मोहम्मद रेज़ा (गरवी) खिताबत फरमाएंगे. आप से सुरह फातेहा की गुज़ारिश  है.