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29 मार्च 2011

महफिले सक्काए सकीना में मजलिस

गुज़िश्ता इतवार 27 मार्च को मीरा रोड मुंबई में मरहूम एहसान फातेमा का चेहलुम मुनाकिद हुआ जिस में मौलाना सय्यद हसनैन करारवी ने खेताबत फ़रमाई. यह मजलिस महफिले सक्काए सकीना में थी.
नीचे विडियो में उस मजलिस का एक हिस्सा दिखाया गया है.

03 मार्च 2011

आज तालाब्पर में छोक्कन भाई सिपुर्दे ख़ाक

असगर अब्बास ( छोक्कन ) इब्ने ज़व्वार हुसैन का कल 11 .00 बजे दिन में इलाहबाद के अस्पताल में इन्तेकाल हो गया था. आज तकरीबन 11 .00 बजे दिन में तालाब्पर में उनकी तद्फीन हो गई. मरहूम के दो फ़रज़न्द हैं. छोक्कन भाई बहुत ही खुश मिज़ाज थे. अक्सर मजालिस में सोज़ खानी किया करते थे. अल्लाह ताआला उन्हें जवारे मासूमीन में जगह अता करे. 
आप से सुरह फातेहा की दरख्वास्त है. और साथ ही मगरिब की नमाज़ के बाद नमाज़े वहशत पढना न भूलें.

10 फ़रवरी 2011

मोलानी: जुलूसे अमारी

आज रहीमपुर मोलानी में जुलूसे अमारी बरामद हुए. माजिद सय्यद ने  My Karari को यह तस्वीरें रवाना की हैं.



04 फ़रवरी 2011

इमामबाड़ा कादिर अली में मजलिसो ताबूत

 सनीचर  5 फरवरी को  करारी के इमामबाड़ा कादिर अली में  सुबह 9 बजे 18 ताबूते बनी हाशिम बरामद होंगे. यह शबीहे ताबूत मौलाना अली ज़फर साहब की मजलिस के बाद बरामद होंगे. मोमिनीन से शिरकत की दरख्वास्त है.  

23 जनवरी 2011

मरहूम चाँद भाई (असग़र अब्बास) का चेहलुम

मरहूम असग़र अब्बास (चाँद भाई)
बुध, 26 जनवरी को बेरुई, करारी में मरहूम चाँद भाई (असग़र अब्बास) का चेहलुम रखा गया है. प्रोग्राम सुबह दस बजे कुरआन ख्वानी के साथ शुरू होगा. चाँद भाई का इन्तेकाल 12 दिसम्बर को फतेहपुर में हुवा था. करारी की कर्बला में 13 दिसंबर को तब्फीन हुई . आप से शिरकत की इस्तेदुआ है. अगर शरीक ना हो सकें तो एक सुरह फातेहा उनकी रूह को बख्श दें.   

12 जनवरी 2011

दुआ की गुज़ारिश

हमारी वालेदा मोहतरमा, दोशाम्बा (पीर) के दिन घर में चकरा कर गिर जाने  से बाएँ हाथ की हड्डी टूट गई है, जिस  की वजह से वोह काफी तकलीफ में हैं. आप लोगों से उनकी सेहत के लिए 10 मर्तबा :
اَمَّنْ یُّجِیْبُ الْمُضْطَرَّ اِذَا دَعَاہُ وَیَکْشِفُ السُّوْۗءَ  
पढने की दरखास्त है. 

05 जनवरी 2011

जुलूसे सय्यादे सज्जाद में नौहा

यह नौहा 25  मुहर्रम के जुलूस के आखिर में पढ़ा गया. मुंबई के बान्द्रा के मशरिकी इलाके में यह जुलूस निकाला गया था. 

30 दिसंबर 2010

अंसार हुसैन की इकलौती लड़की की तद्फीन

कल बुध की शाम को प्यारे बाबा मरहूम के फ़रज़न्द, अंसार हुसैन (साहबजादे) की एक ही नौजवान लड़की तनवीर फातेमा की मौत वाके हो गई. मरहूमा, दैनिक जागरण के कोशाम्बी के पत्रकार सरदार हुसैन उर्फ़ नय्यर की भतीजी हैं. तद्फीन आज मीरा रोड में नमाज़े जोहर के फ़ौरन बाद होगी. साहबजादे रेलवे में नौकरी करते हैं और मीरा रोड में रहीश पजीर हैं. तद्फीन के सिलसिले में मजीद मालूमात के लिए अली मियां इब्ने शरीफुल हसनैन से 9820386766 पर राबता किया जा सकता है.

26 दिसंबर 2010

वादिस सलाम में मजलिस

वदिस सलाम में ११ मुहर्रम को दोपहर तीन बजे मरहूम सय्यद ग़ुलाम हसनैन करार्वी की क़ब्र पर मजलिसे अजा मुनकिद की गई जिसे मौलाना रज़ा हैदर ने खिताब किया .

15 दिसंबर 2010

दीन में मुनाफा

लोग दुनिया के बन्दे हैं और दीन सिर्फ उनकी ज़बानों पर चढ़ा हुआ है. 
जब तक उनको मुनाफा मिलता रहेगा दीन का नाम लेते रहेंगे .... 
उस के बाद जब बलाओं के ज़रिए आज़माए  जाते हैं तो 
दीन्दारों की तादाद खुदबखुद कम हो जाती है.

                                                                     -----इमाम हुसैन (अ.स.)

10 दिसंबर 2010

इमाम हुसैन (अ.स.) पर गिरया.

रसूले इस्लाम (स.अ.) इमाम हुसैन (अ.स.) के बारे में फरमाते हैं :
अल्लाह उसे दोस्त रखता है जो हुसैन को दोस्त रखे.
हुसैन मुझ से है और मैं हुसैन से हूँ
यह हसन और हुसैन जन्नत के नौजवानों के सरदार हैं.

    07 दिसंबर 2010

    निशाने बाज़ी में ज़ोरारह रिज़वी को कांस्ये का तमगा


    रिजवी कॉलेज मुंबई की पिस्तोल शूटिंग की टीम की तरफ से खेलते हुए अली ज़ोरारह ने कांस्ये पदक जीता . उनकी टीम में तीन अफराद शामिल थे. दस मीटर के इस प्रतियोगिता में तीसरे नंबर पर आये. माई करारी उनको मुबारकबाद पेश करती है और दुआ करती है की निशाने बाज़ी की दुनिया में ज़ोरारह अव्वल नंबर रहें और कौम का नाम उंचा करें. 

    05 दिसंबर 2010

    04 दिसंबर 2010

    मीर अनीस के मर्सिये का बंद

    यह मर्सिये का बंद मीर अनीस का है. यह पत्थर करारी के छोटे तालाब पर के इमामबाड़े में नस्ब है.  

    30 नवंबर 2010

    जश्ने ग़दीर का स्टेज

    जैनाबिया बॉम्बे में जश्ने ग़दीर का स्टेज. यह जश्न सनीचर 27 नवम्बर को हुआ था. अंग्रेज़ी में रिपोर्ट के लिए click करें.

    29 नवंबर 2010

    अली मियाँ का अंगूठा ज़ख्मी

    मरहूम शरीफुल हसनैन के छोटे फरजंद, वजीहुल हसनैन जिनको लोग अली मियाँ के नाम से जानते हैं 25 नवम्बर को लोकल ट्रेन में लड़ाई कर रहे दो अजनबी आदमियों को छोडाते हुए उन  में से एक ने  ने उनके सीधे हाथ का अंगूठा चबा लिया. अली मियाँ को फ़ौरन अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें 1600 रूपये ईलाज में खर्च करना पड़े. मीरा रोड से रिजवी कॉलेज ड्यूटी    जा रहे थे. अब उन्हों ने कान पकड़ लिया है की दो लड़ते अजनबियों के बीच कभी ना बोलेंगे. इस साल करारी में  मुहर्रम की पहली तीन मजलिसें उनके हिस्से की हैं. My Karari उनके ग़म में बराबर का शरीक है.

    मजलिसे बरसी

    आज नमाज़े जोहर से पहले शिया जामा मस्जिद, बान्द्रा बाज़ार, मुंबई में इग्यौना के हसन साहब (भारत नगर ) की वालेदा मरहूमा अमीर बानो बिन्ते मोहम्मद असग़र की बरसी की मजलिस हुई जिसे मौलाना शाहिद रेज़ा साहब ने खिताब फ़रमाया. मौलाना शाहिद साहब ने विलायते अली (अ.स.) जन्नत और जहन्नम का तज्केरा किया. आप ने कुरआन की तिलावत पर भी जोर दिया और कहा की जन्नत में दरजात एक एक आयात पर बुलंद होंगे. मौलाना शाहिद रेज़ा मरहूम अकबर रेज़ा के पोते हैं और बहुत अच्छी जाकिरी करते हैं. मजलिस के शुरू में मजमा बहुत कम था लेकिन आहिस्ता आहिस्ता लोग आते गए. कल रात जैनाबिया में ग़दीर की महफ़िल होने की वजह से बहुत से लोग मजलिस में शरीक न हो सके.
    आप लोगों से गुजारिश है की मरहूमा को एक सुरह फातेहा पढ़ कर बख्श दें.

    मौलाना शाहिद रेज़ा मजलिस पढ़ते हुए