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05 फ़रवरी 2012

करारी में मजलिस के दौरान जाकिर पर एतेराज़

करारी शिया जामा मस्जिद में मौलाना गरवी साहब मजलिस पढ़ते हुए.

करारी शिया जामा मस्जिद में उस वक़्त हंगामा हो गया जब मौलाना गरवी साहब (अहमदाबाद) ने अपनी मजलिस की शुरुआत करारी वालों पर अफ़सोस जताते हुए किया. और कहा की उनके लिए यह खबर गिरां गुजरी के करारी की इसी मस्जिद में ईदे ग़दीर की नमाज़ बा जमाअत हुई.
इस बात पर मजलिस में शरीक मोमिनीन ने ज़ेरे मिम्बर इस खबर की तरदीद की और कहा की मौलाना साहब पहले आप लोगों से तस्दीक कर लें उसके बाद इस तरह से मिम्बर से माईक पर इजहारे अफसोस करें.
मजलिस में बहेस छिड गई और मौलाना साहब ने अपने अलफ़ाज़ वापस लेते हुए मजलिस को आगे बढाया.
यह मजलिस मरहूम मोहम्मद रज़ा के ईसाले सवाब के लिए रखी गई थी और यह सालाना मजलिस 7 रबीउल अव्वल को नमाज़े मग्रबैन के बाद होती है.
ईदे ग़दीर में नमाज़े जमाअत की बहेस मजलिस के बाद भी जारी रही. मोमिनीन ने मौलाना गरवी साहब को समझाया के आइन्दा कोई इस तरह की गुफ्तगू सरे मिम्बर करने से पहले उसकी मुकम्मल तहकीक और तस्दीक कर लें वरना समाज में बिला वजह इख्तेलाफ पैदा होजाता है.
करारी में कोई ऐसा वाक़ेया पेश नहीं आया और न किसी ने ईदे ग़दीर की नमाज़ बा जमाअत  पढ़ी और न पढ़ाई. 

14 जनवरी 2012

मरहूम सय्यद गुलाम पंजतन इब्ने काजिम हुसैन का चेहलुम


परसों यानी पीर 16 जनवरी को करारी शरीफाबाद में मरहूम सय्यद गुलाम पंजतन के  चेहलुम की मजलिस होगी जिसमें मौलाना सय्यद हसनैन रिज़वी करारवी खिताबत फ़रमाएंगे.
यह मजलिस सुबह 10 बजे कुरआन खानी के बाद शुरू होगी.
आप से शिरकत की दरखास्त है. अगर आप किसी वजह से शरीक न हो सकें तो कम अज कम एक सुरह फातेहा से मरहूम को याद करें.
तफसील  के लिए मरहूम के फरजंद शबीहुल काजिम से राबेता 9860451686 किया जा सकता है.

04 जनवरी 2012

करारी करबला में परचमे अब्बास

जुलूसे अजा ख़त्म  होने पर करारी की करबला में परचम दारान अलमे मुबारक को दीवार से लगा कर जियारत करने गए.

31 दिसंबर 2011

अंजुमन का नाम और बैंक अकाउंट नंबर


करारी की 8 रबीउल अव्वल का जुलूसे अमारी आलमी पैमाने पर शोहरत हासिल कर रही है. लोग तमन्ना रखते हैं के काश वोह भी इस तकरीब में हाज़िर होते और नौहाओ मातम में शरीक होते.
करारी से दूर रहने वाले अफराद ऐसे भी हैं जो पहले से छुट्टी की दरखास्त दे देते हैं और ट्रेन में अपनी सीट बुक करवालेते हैं.
यह मोहब्बते इमाम हुसैन (अ.स.) है. और साथ ही अपने वतन की सरज़मीन से लगाओ.
इसी लिए  अंजुमने अस्गरिया, करारी, जो इस जुलूस का एहतेमाम करती है, ने फैसला किया है की जो मोमिन इस जुलूसे अमारी में ज़ाहेरी तौर पर शिरकत न कर सकता हो वोह कम से कम अंजुमन को माली तौर पर  मदद कर सके.
अंजुमन का नाम और बैंक अकाउंट नंबर दिया जा रहा है ता के वोह भी इस कारे खैर में हिस्सा ले सकें.

ANJUMAN-E-ASGARIYA
Bank of Baroda, Karari,
a/c no. 29710100010712
IFSC - B A R B - KARARI
 Kaushambi (U.P.) INDIA
For detail contact: Babban bhai, Mobile: 09792634198