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05 फ़रवरी 2014
04 अगस्त 2010
मंज़ूर तकवी उर्फ़ कज्जन का आज इन्तेकाल हो गया
मंज़ूर तकवी उर्फ़ कज्जन ने आज सुबह तकरीबन ५.३० बजे इस फानी दुनिया को खैरबाद कह दिया . आप की उम्र ८० से ज्यादा थी. मरहूम ने गुज़िश्ता साल हज का फ़रीज़ा भी अंजाम दिया था. कानपूर में एक हफ्ते से अस्पताल में दाखिल थे. फालिज का ज़बरदस्त झटका था. मरहूम कि तद्फीन आज करारी में होगी.
मरहूम ने एक अरसा बॉम्बे में गुज़ारा . बर्फ की कंपनी में मुलाजिम थे. बहुत मिलनसार थे. सामाजिक शख्सियत थे. बॉम्बे की मोगल मस्जिद में काफी मारूफ थे. हमारी Association of Imam Mahdi (a.s.) के मद्दाह थे. इमामे ज़माना (अ.स.) का ज़िक्र आते ही आँखें डबडबा जाती थीं. मरहूम कि औलाद में ६ बेटे और ५ बेटियां हैं. सब से बड़े फरजंद तनवीर और सब से छोटे मेह्रोज़ हैं.
मरहूम कि तद्फीन आज शाम ५ बजे अम्बाही बाग़ में होगी. नमाज़े मग्रेबैन में नमाज़े वहशत पढना न भूलें .
मरहूम ने एक अरसा बॉम्बे में गुज़ारा . बर्फ की कंपनी में मुलाजिम थे. बहुत मिलनसार थे. सामाजिक शख्सियत थे. बॉम्बे की मोगल मस्जिद में काफी मारूफ थे. हमारी Association of Imam Mahdi (a.s.) के मद्दाह थे. इमामे ज़माना (अ.स.) का ज़िक्र आते ही आँखें डबडबा जाती थीं. मरहूम कि औलाद में ६ बेटे और ५ बेटियां हैं. सब से बड़े फरजंद तनवीर और सब से छोटे मेह्रोज़ हैं.
मरहूम कि तद्फीन आज शाम ५ बजे अम्बाही बाग़ में होगी. नमाज़े मग्रेबैन में नमाज़े वहशत पढना न भूलें .
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