बांद्रा east के 25 मोहररम के जुलूस के ख़त्म होने पर मजलिस होती और उस से पहले पेश खानी।
जावेद रिज़वी ने चाँद बंद मरसिया के पढ़े थे जिसकी रिकॉर्डिंग आप की खिदमत में पेश की जा रही है।
मौलाना ज़की साहब पहली मजलिस पढ़ते हुए. |
उम्मीद आज़मी साहब निजामत करते हुए. |