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11 जून 2011

मरहूम सय्यद मंज़ूर तकवी (कज्जन) की पहली बरसी

आज करारी जामे मस्जिद में नमाज़े ज़ोह्र से पहले मरहूम सय्यद मंज़ूर तकवी उर्फ़ कज्जन,की पहली बरसी की मजलिस हुई जिसे प्रोफ़ेसर अबुल कासिम साहब ने ख़िताब किया. मरहूम का गुज़िश्ता साल कानपूर में इन्तेकाल हुआ और उनकी तद्फीन करारी में हुई. बरसी की मजलिस में तमाम बेटे और दामाद शरीक थे. मरहूम ने अपनी हयात के आखरी साल का हज अदा किया और मुहर्रम में हर मजलिस में मौजूद रहते थे.

26 अक्टूबर 2010

मरहूम मंज़ूर तकवी (कज्जन)

मरहूम मंज़ूर तकवी (कज्जन), इस मुहर्रम में बहुत याद आएँगे. गुज़िश्ता साल वोह हर मजलिस में शरीक हुआ करते थे. अल्लाह उनका शुमार अहलेबैत  के चाहनेवालों में करे.
मजलिस में गिरया करते हुए.

04 अगस्त 2010

मंज़ूर तकवी उर्फ़ कज्जन का आज इन्तेकाल हो गया

मंज़ूर तकवी उर्फ़ कज्जन ने आज सुबह तकरीबन ५.३० बजे इस फानी दुनिया को खैरबाद कह दिया . आप की उम्र ८० से ज्यादा थी. मरहूम ने गुज़िश्ता साल हज का फ़रीज़ा भी अंजाम दिया था. कानपूर में एक हफ्ते से अस्पताल में दाखिल थे. फालिज का ज़बरदस्त झटका था. मरहूम कि तद्फीन आज करारी में होगी.
मरहूम ने एक अरसा बॉम्बे में गुज़ारा . बर्फ की कंपनी में मुलाजिम थे. बहुत मिलनसार थे. सामाजिक शख्सियत थे. बॉम्बे की मोगल मस्जिद में काफी मारूफ थे. हमारी Association of Imam Mahdi (a.s.) के मद्दाह थे. इमामे ज़माना (अ.स.) का ज़िक्र आते ही आँखें डबडबा जाती थीं. मरहूम कि औलाद में ६ बेटे और ५ बेटियां हैं. सब से बड़े फरजंद तनवीर और सब से छोटे मेह्रोज़ हैं.
मरहूम कि तद्फीन आज शाम ५ बजे अम्बाही बाग़ में होगी. नमाज़े मग्रेबैन में नमाज़े वहशत पढना न भूलें .