27 सितंबर 2011

करारी में शादियों का मौसम आ रहा है?

करारी में अगले महीने यानि अक्टूबर में कई अदद शादियाँ होंगी. ज़िल्हिज का महीना रहेगा. साथ ही दिवाली की छुट्टियां भी होने वाली हैं. मौसम भी सोहना रहेगा. अगर कोई शिरकत करना चाहता है (दावत नामह मिलने पर) तो उसे कम से कम बीस दिन की छुट्टी लेना पड़ेगी. 
इन तक्रीबात का सिलसिला करारी में जश्ने अबू तालिब से शुरू होगा जो 23 अक्टूबर को है. यह प्रोग्राम हर साल अंजुमने महदिया करती चली आ रही है.
इस अंजुमन के रूहे रवां जनाब फुरकान साहब है. इस महफिले मकासिदा में कोई मकामी शाएर नहीं होता बल्कि सब मेहमान शाएर अपना कलाम पढ़ते हैं. 

15 सितंबर 2011

सेहत के लिए दुआ की गुज़ारिश

अग्योना के जनाब मोहम्मद हुसैन, मुंबई के वसई इलाके में रहते हैं. 2 रोज़ पहले उन्हें सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई तो उन्हें वसई गाँव के ओम नर्सिंग होम में ICU में दाखिल किया गया. 
आप लोगों से गुज़ारिश है की उनकी सेहत्याबी के लिए "अम्मईं योजीब" पढ़ें.  
मोहम्मद हुसैन साहब, जैनबिया में काम कर रहे तनवीर के वालिद हैं.
मज़ीद जानकारी के लिए आप तनवीर से 09882444658 पर फ़ोन कर सकते हैं.  

13 सितंबर 2011

तीन बारात और दो अमवात

गुज़िश्ता आठ दिन करारी के लिए ख़ुशी और गमी के दिन थे, तीन बारात और दो अमवात. बेरुई के मौलाना हसनैन करारवी के फरजंद की बारात badaunpar  से मोहल्ला शरीफाबाद गई.
मौलाना हसनैन साहब  के बड़े भाई मासूम आलम के फरजंद की बारात करारी से करेली गई और मरहूम मंज़ूर हसन रिज़वी के नवासे, रिजवान इब्ने जियारत हुसैन की बारात करेली में Hira Palace पहुची. रात इसी शादी का वलीमा करेली के अम्बर पैलेस में हुआ. 
इन  आठ दिनों में चार दिन बारिश ने लिए. दो दिन बिजली के मसाएल रहे. जब तक पानी बरसता है मौसम अच्छा रहता है, लेकिन बाद की हालत काबिले बयान नहीं है.
सितम्बर के महीने को पश्चिमी  यूं पी वाले सितमगर कहते हैं. इस महीने में यू पी के गाँव में कोई तकरीब रखना इन्तेकाम लेने के बराबर है, गर्मी से दूल्हा के अलावा सब परेशान रहते हैं.
इस सितम्बर के महीने में मौसम के उतार चढ़ाव की वजह से अक्सर लोग बीमार हो जाते हैं. डाक्टरों का यह कमाई का सीज़न है.
चुंके यहाँ बम्बई की तरह मुसलसल बारिश नहीं होती इस वजह से अवाम छाता लेकर घर से बाहर नहीं निकलती. थोड़ी देर बरसते हैं. लोग कहीं भी पनाह ले लेते हैं.
बिजली की सहूलत की वजह से हाथ के पंखों का भी रवाज ख़त्म हो रहा है, अब लोग अखबार और रुमाल का इस्तेमाल करते हैं. घर में इनवर्टर ने ज़िन्दगी का निजाम बदल दिया है.

09 सितंबर 2011

हुसैन भाई को मुबारकबाद

ऐनुर रज़ा (हुसैन भाई) की बेटी की शादी  कल रात मोहम्मद रिज़वी के हमराह करारी में हो गयी. मोहम्मद मौलाना सय्यद हसनैन रिज़वी के फरजंद हैं. 
निकाह, करारी जामे मस्जिद में नमाज़े मग्रेबैन के बाद हुआ. दूल्हा के वकील मौलाना रज़ा haider थे और दुल्हन की जानिब से मौलाना मंज़र सादिक साहब थे.
अल्लाह इस जोड़े को सलामत रखे.

08 सितंबर 2011

इन्नालिल्लाहे व इन्ना इलैहे राजेऊन

कल कराची पाकिस्तान में अशरफ भाई, सज्जाद भाई और ताहिर भाई की बड़ी बहेन, तौकीर फातेमा बिन्ते  अजहर हसन का इन्तेकाल हो गया और आज जोहर  के बाद  वादी  हुसैन  में  तद्फीन  हो  गई. आप लोगों से एक सुरे फातेहा और नमाज़े वहशत की दरख्वास्त है. 
और जानकारी के लिए 09769558264 पर contact किया जा सकता है

जश्ने अबू तालिब. की तय्यारी ज़ोरोशोर से

जश्ने अबू तालिब. की तय्यारी ज़ोरोशोर से. अंजुमने  महिद्य  गुज़िश्ता  3 बरसों  से अक्तूबर के महीने में जनाब अबू तालिब  (अ.स.) की शान में जश्न का एहतिमाम करती आ रही है.
जिस में मुल्क के नामवर शेर और मोक़र्रीर तशरीफ़ लाते हैं.
इस साल इस जश्न की निजामत अहमद बिजनौरी करने वाले हैं. यह जश्न कोशाम्बी जिले की सब  से  आला  तकरीब  है.
मौलाना राज़ी हैदर साहब की तक़रीर होगी.
मजीद मालूमात के लिए 09389337354 पर अज़ादार हुसैन से ली जा सकती है
कल दरयापुर  मंझ्यावान में जन्नतुल बाकी के इन्हेदाम पर एहतेजाज करते हुए एक जुलूस निकला गया. यह जुलूस तकरीबन दस बरसों से बरामद हो रहा है. इलाहाबाद और कोशाम्बी जिले के मोमिनीन इस तकरीब में शिरकत करते हैं. 

06 सितंबर 2011

कर्बला कब्रस्तान में आज अली हैदर की तद्फीन

मरहूम सय्यद गुलाम हसनैन रिज़वी के इसाले सवाब की मजलिस कल रात शिया जमे मस्जिद में मौलाना काज़मी साहब ने पढ़ी. मोमिनीन ने अच्छी तादाद में शिरकत की. मौलाना ने सूरए वाल असर को समझाया और कहा की इंसान घाटे में है, सिर्फ चन्द लोग ही कामयाब हैं.
आज शिया जामे मस्जिद के मेनेजर जनाब शमीम हैदर के छोटे भाई अली हैदर इब्ने गुलाम हैदर का सुबह इन्तेकाल हो गया, वोह कैंसर के  मरीज़ थे. उनकी तद्फीन कर्बला के कब्रस्तान में शाम 4 बजे हुई. मौलाना रज़ा हैदर साहब ने नमाज़े जनाज़ा के बाद मौत के सिलसिले में ताज़क्कुर दिया. मौलाना zameer   हैदर साहब ने नमाज़े जनाज़ा और तलकीन पढाई. जामे मस्जिद में मग़रिब की  नमाज़ के बाद मोमिनीन ने नमाज़े वहशत अदा की.
maulana  raza haider sahab taqreer karte hue

05 सितंबर 2011

करारी शिया जामे मस्जिद

कल रात करारी जामे मस्जिद में तमाम मोमिनीन से मुलाक़ात हुई. सब ने मुस्कुरा कर वही पुराना सवाल दोहराया के " कब आए?' आजकल मुज़फ्फर नगर, जओली के  मौलाना मोहम्मद आमिर काज़मी जामे मस्जिद में इमामत कर रहे हैं.
यह अनवारुल ओलूम, इलाहबाद से   फारिगुत तहसील हैं, जल्द ही रिश्ते इज्दवाज में बंधने वाले हैं. खिता बत  भी  अच्छी  करते  हैं. जोश है, जज़्बह है, बच्चों और नौजवानों में घिरे रहते हैं . साहेबे Laptop हैं इसी बात से उनकी शख्सियत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है .
माहे रमजान में बच्चों और नौजवानों से राबता रहा वोह इस लिए की उनकी खुसूसी क्लास में 63 बच्चे शिरकत करते थे.
भाई जैनुल अब्बास 30  बच्चियों की अलग क्लास चला रहे थे. इस क्लास में अहकाम के वाजिबात समझाया जा रहा था.
क्लास के सभी शोराका को इनाम से नवाज़ा गया. मोमिनीने करारी को इस नौजवान आलिमे दीन से बहुत तव्क़्क़ोआत हैं. अल्लाह उन्हें पूरा करे. 

करारी में वुरूद

आज कल करारी का मौसम बारिश के वक़्त और बारिश के बाद बहुत ही खुशगवार, लेकिन चन्द घंटों के बाद बग़ैर पंखा चलाए सुकून नहीं मिलेगा. 
कल, इतवार को करेली से करारी तक का सफ़र उछलते हुए कटा. सड़क पर बारिश ने गढ़े बना दिए. मारुती वैन वैसे भी अच्छी सड़क पर उछलती कूदती हुई दौड़ती है, इस मौसम में तो उसका हक बनता है की मुसाफिरों को सुकून से बैठने न दे.
कार में सामान ज्यादा होने की वजह से उछलने में थोड़ी कमी ज़रूर थी क्यूंकि वोह packing का काम दे रहा था.
घने बादल आए बरसे और चले गए. यह सिलसिला दिन में कई बार चलता रहा.
झींगुर, मेंडक और दीगर हशारात की आवाजें एक सुहाना background का समाँ बांधे हुए है.
बिजली की हालत बहुत अच्छी है. शाम 7 से सुबह 7 बजे  तक आना तो लाज़मी है. अगर और मेहरबान हुई तो दोपहर 11 से 3 बजे भी गर्मी की उमस से राहत देने आ जाएगी.
अब मौसम का मजीद लुत्फ़ उठाना है   तो अपने वतन आ जाइए.