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17 जुलाई 2013

मुंबई के जैनाबिया इमाम बाड़े में मजलिसे तरहीम

मंगल 16 जुलाई को ज़ेनाबिया इमामबाड़े में मरहूम सय्यद ग़ुलाम हसनैन करारवी की 17 वीं  बरसी पर मजलिसे अज़ा  इनेक़ाद किया गया था। 
तिलावते कुरआन मजीद की तिलावत शमीम करारवी ने की, सोज़ ख्वानी नय्यर जौनपुरी ने की और मोमिनीन को हुज्जतुल इस्लाम मौलाना हसनैन ने खिताब किया।
मजलिस के बाद इफ्तार का भी इंतज़ाम था। मुंबई के कोने कोने से  दोस्त, अहबाब,  अज़ीज़ो अकारिब ने शिरकत की।
शमीम क़ुरआन की तिलावत करते हुए 

12 मई 2013

मरहूमा अमीर फातेमा की 2 3 वीं बरसी



मीरा रोड, मुंबई में मुकीम, मोहम्मद मुरताज़ा (नब्बन चचा) की वालेदा मरहूमा अमीर फातेमा बिन्ते फैज़  मोहम्मद की आज 2 3 वीं बरसी के मौके पर उनके दौलत ख़ाने संघवी अम्पायर पर मजलिसे अज़ा मुंअक़िद होगी जिसमें मौलाना सय्यद हसनैन करार्वी साहब का बयान होगा। 
आप से गुज़ारिश है की एक सूरा फातेहा पढ़ कर मरहूमा को बख्श दें। 

05 मई 2013

इमामिया हाल, देल्ही में कल रात जश्ने इस्मत मुनअक़िद हुआ

मौलाना सय्यद हसनैन करारवी , मौलाना मुमताज़ अली और अन्ज़ार  सीतापुरी 
 मरहूम सय्यद अमीर अज़हर (मद्दन भाई) के फ़रज़न्दे अकबर जनाब अमीर हैदर ने इस साल भी जनाबे फातेमा ज़हरा (अ.स.) की विलादत के मुनासिबत से एक मेह्फ़िले मकासिदा का एहतेमाम किया। जिसमें देहली के बाहर और मक़ामी शाएरों  ने अपना कलाम पेश किया।
इस जश्न की निज़ामत जनाब मौलाना जवाद हैदर ने की और ज़मीर इलाहाबादी, अन्ज़ार सीतापुरी के अलावा दुसरे शोअरा  ने अपना कलाम पेश किया।
मौलाना सय्यद हसनैन करारवी ने रूह परवर तक़रीर की।
ये महफ़िल तकरीबन 2 0 बरसों से इमामिया हाल में मुंअकिद  होती चली आ रही है।

30 अप्रैल 2013

16 जुलाई 2012

मीरा रोड, मुंबई में खतीब के घर महफ़िल

करारी,इलाहबाद के नवजवान शाएर जावेद रिज़वी के छोटे भाई ख़तीब साहब के मकान पर रात महफिले मुक़सिदा का इनेकाद हुआ था। यह महफ़िल इमामे ज़माना (अ.स.) की शान में हर साल शाबान के आखरी इतवार को होती है।
महफ़िल में इलाहबाद से आए हुए कई अफराद मौजूद थे। ओलमा हज़रात में मौलाना क़मर महदी, मौलाना एहसान हैदर जवादी, मौलाना जवाद हैदर जवादी और मौलाना हसनैन करारवी तशरीफ़ फरमा थे। रिज़वान हैदर जवादी ने हर अच्छे शेर पर खुल कर दाद दी।
इलाहबाद से मुख़्तार रिज़वी और जावेद रिज़वी ने महफ़िल में शिरकत की। अब्बास आलम साहब ने नेज़ामत के फ़राएज़ जावेद रिज़वी को सौँप दिया.
बहुत अच्छे अच्छे कलाम पढ़े गए। रोशन करारवी , मुख़्तार रिज़वी ने वाह  वाही  लूटी। हुसैन आलम ने छोटी बहेर में बेहतरीन कसीदा कहा। 
फहीम इलाहाबादी के शानदार और मुख़्तसर कलाम पर महफ़िल का इख्तेताम हुआ।  
1BHK के फ्लैट में "10ftx15ft" के हॉल में यह एक बड़ी महफ़िल थी। बॉम्बे में अपने घर पर मजलिस और महफ़िल करना एक बड़ी बात है।


हैदर अब्बास साहब अपना कलाम पढ़ते हुए 

14 जनवरी 2012

मरहूम सय्यद गुलाम पंजतन इब्ने काजिम हुसैन का चेहलुम


परसों यानी पीर 16 जनवरी को करारी शरीफाबाद में मरहूम सय्यद गुलाम पंजतन के  चेहलुम की मजलिस होगी जिसमें मौलाना सय्यद हसनैन रिज़वी करारवी खिताबत फ़रमाएंगे.
यह मजलिस सुबह 10 बजे कुरआन खानी के बाद शुरू होगी.
आप से शिरकत की दरखास्त है. अगर आप किसी वजह से शरीक न हो सकें तो कम अज कम एक सुरह फातेहा से मरहूम को याद करें.
तफसील  के लिए मरहूम के फरजंद शबीहुल काजिम से राबेता 9860451686 किया जा सकता है.

22 दिसंबर 2011

मुंबई के बांद्र पूर्व इलाके में 25 मुहर्रम के मौके पर जुलूसे अजा

25 मुहर्रम को चौथे इमाम, हज़रत इमाम अली इब्निल हुसैन, जो सय्येदुस साजेदीन और जैनुल आबेदीन के लक़ब से जाने जाते हैं की शहादत के मौके पर बांद्रा के खेरवाडी इलाके से नमाज़े मग्रेबैन पढ़ कर उनकी याद में एक जुलूसे अजा बरामद हुआ. पहली मजलिस मौलाना जाकी साहब ने पढ़ी और आखरी मजलिस मौलाना हसनैन करारवी ने. निजामत के फराएज़ जनाब उम्मीद आज़मी ने अंजाम दिए
मौलाना ज़की साहब पहली मजलिस पढ़ते हुए.

उम्मीद आज़मी साहब निजामत करते हुए.


विडिओ में आखरी मजलिस से पहले हसन इलाहाबादी अपना नजराने अकीदत पेश करते हुए.

10 नवंबर 2010

पंजतन रिजवी की दोख्तर का निकाह

दूल्हे राजा
पंजतन रिजवी की दोख्तर का निकाह मंझनपुर के नन्हे साहब के फरजंद से के हमराह ८ नवम्बर को मंजू मास्टर इमामबाड़े में हुआ. लड़के की तरफ से मौलाना नसीमुल हसन साहब ने सीगा  जारी किया और लड़की के वकील मौलाना रज़ा हैदर साहब थे. बरात अपने वक़्त पर करारी पहुँच गई थी. जनाब पंजतन रिज़वी के सब से बड़े दामाद शुएब सलमान ने  बारातियों का इस्तेकबाल किया. शादी की इस तकरीब में मौलाना सय्यिद हसनैन करार्वी, मौलाना मोहम्मद अख्तर साहेबान भी मौजूद थे. मालेगांव के मौलाना अमीर हमजा भी इस ख़ुशी के मौके पर शरीक थे. जनाब मुख़्तार रिजवी ने इस प्रोग्राम में अपनी शीरी बयानी से लोगों को मेह्जूज़ किया.

मंगल 9 नवम्बर को मंझन पुर में इसी शादी से मुताल्लिक वलीमा रखा गया, जिसमें करारी से खुसूसी तौर पर बॉम्बे के मेहमान शिरकत करने गए थे. खाना बहुत लज़ीज़ था, मखसूसन तंदूरी रोटी. बेरोई के लल्लन भाई, शाहेम्शः हुसैन, इरफ़ान और दीगर हजरात ने वलीमे का लुत्फ़ उठाया और रात ही में करारी वापस आ गए.