saaqib rizvi लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
saaqib rizvi लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

20 जून 2010

साकिब रिजवी नहीं रहे

साकिब रिजवी की इन्तेकाल की खबर ने सबको चौंका दिया. १९ जून २०१० को नमाज़ जोहर के वक़्त उन्हों ने आखरी सांस लेकर इस फानी दुनिया को अलविदा कह दिया . उनकी तद्फीन कल रात को ही मग़रिब की नमाज़ के बाद रेह्मताबाद में हो गयी . जनाज़ा में बहुत जियादा लोग शरीक हुए . लोगों ने जनाब डाक्टर अख्तर हसन रिजवी को पुरसा दिया. साकिब रिजवी साहब के दो फ़रज़न्दों में छोटे बेटे थे . तीन साल तक बीमारी से जंग करते रहे और आखिर मौत के आगे हथ्यार डाल दिया. मौत से कोई नहीं जीत पाया .
साकिब रिजवी मिलनसार और  नेक अखलाक के मालिक थे. उन्हों ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया. हमेशा मुस्कुराते रहते थे. करारी में उनका दिल बहुत लगता था. सर्दियों के मौसम में वहाँ जियादा दिल लगता था. वोह हर दिल अज़ीज़ इंसान थे.
उनकी नमाज़े जनाज़ा मौलाना सय्यद हसनैन ने पढाई और कब्र के सरहाने तलकीन भी पढी .
सोमवार २१ जून को रिज़वी कालिज में मरहूम साकिब की तीजे की मजलिस नमाज़े मग़रिब के बाद होगी जिसे   मौलाना हसनैन करार्वी साहब खिताब फरमाएंगे.