कल रात मलाड मालोनी में मरहूम हामिद रिज़वी इब्ने मोहम्मद तकी के ईसाले सवाब के लिए महफिले मुहिब्बाने हुसैन में एक मजलिस का इनेकाद किया गया.
मौलाना रहमान अली रूहानी ने जाकरी फरमाई.
मजलिस के बाद मरहूम की याद में दो नौहे पढ़े गए जिसे मरहूम बड़ी ख़ूबसूरती से पढ़ा करते थे और जिस पर ज़ोरदार मातम हुआ करता था. वोह थे "लाचार हुसैना" और "ख़ाक पे बीबी न सो, बाली सकीना उठो".
इस मजलिसो मातम का एहतिमाम अंजुमने मुहाफ़िज़े इस्लाम, इलाहबाद ने किया था.