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21 दिसंबर 2012

मौलाना एहसान हैदर जवादी के मकान पर मुसालमा

मौलाना एहसान हैदर जवादी के मकान अस्मिता हेरिटेज में रात 8.00 बजे सातवें इमाम की विलादत के मौक़े पर मुसालमा था। 
तकरीबन 7 शोअरा ने अपना कलाम पेश किया। जिसमें हैदराबाद से आए हुए मजहरुल हक़्क़ साहब भी थे। निज़ामत डॉ अब्बास आलम के हाथों में थी। 
तकरीबन तमाम ही शोअरा के  कलाम को मोमिनीन ने पसंद किया बिल्खुसुस मजहरुल हक़्क़, शमीम अब्बास और हलचल आज़मी ने। 
मौलाना एहसान हैदर साहब ने अपने 72 बंद के मरसिए का इफ्तेताह करते हुए उस में से चंद बंद सामईन की नज़र किया।
मुसालमा light refreshment पर इखतिताम पज़ीर हुआ।
शमीम अब्बास के 4 मिसरे बतौर तबररुक पेशे ख़िदमत हैं:
तशद्दुद, ज़ुल्म, हट धरमी जो सुल्तानों में रहती है
ब मुश्किल तालेबान अब हम मुसलमानों में रहती है
दरिंदों से सिवा वहशी ब नामे दीने हक़्क़ जो हैं
कहाँ हैवानियत उन जैसी हैवानों में रहती है।

हैदराबाद के मजहरुल हक्क अपना कलाम पेश करते हुए 


28 जनवरी 2012

काजी जी की मस्जिद में चेहलुम की मजलिस

क़ाज़ी जी की मस्जिद, बख्शी बाज़ार, इलाहबाद 
आज इलाहबाद की  बख्शी बाज़ार में क़ाज़ी जी की मस्जिद में मरहूम सय्यद मोहम्मद हामिद रिज़वी के चेहलुम की मजलिस हुई जिसे  मौलाना एहसान हैदर जवादी ने ख़िताब फ़रमाया. मस्जिद मरहूम के चाहने वालों से छलक रही  थी जो हिंदुस्तान के मुख्तलिफ शहरों से तशरीफ़ लाए थे.
मजलिस से पहले सोज़ खानी और पेश्खानी हुई. शाएरों ने अपना मंजूम नजराना पेश किया.
मरहूम के फर्ज़न्दान राजू, अनवार और राशिद के लिए ये बहुत दुःख  भरा  दिन  था . राशिद अबू  धाबी  से चेहलुम के लिए आए  थे. अल्लाह  इनको  सबरे  जमील  अता  करे .
मरहूम के छोटे  भाई  जनाब  मुख़्तार  साहब  पर अपने भाई  के बिछड़  जाने  से बहुत ज्यादा  असर  रहा , उन्होंने इलाज  में कोई  कसर  नहीं  छोड़ी  थी.
परवरदिगार मरहूम को जवारे मासूमीन में जगह दे.

10 अप्रैल 2009

Barsi of Marhum Asghar Abbas Rizvi

Last night there was a Majlis on the 3rd anniversary of Marhum Sayed Asghar Abbas Rizvi s/o Marhum Karam Husain at Railway Colony, Bandra (west). Majlis was recited by Maulana Ehsan Haider Jawadi. Relatives and friends attended the Majlis programme. Mo'mineen from Malad, Mira Road, Bandra, Vasai and other areas attended the Majlis. The niyaz (khichda) was served after Majlis.