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26 अप्रैल 2020

अबू लहेब का हश्र


 रवायात में आया है के बद्र की जंग में क़ुरैश के मुश्रिकीन को  बुरी हार के हुई।  
अबू लहब इस जंग में शरीक नहीं था।  
जंग में हारे अबू सुफियान से रिपोर्ट मांगी।  
अबू सुफियान ने क़ुरैश की हार बयान की और कहा के इस जंग में आसमान और ज़मीन के दरमियान  ऐसे सवार देखे जो मोहम्मद की मदद के लिए आये थे। 
इस मौक़े पर अब्बास के एक ग़ुलाम "अबू राफ़े" ने कहा; मैं वहां बैठा हुआ था उसने अपने हाथ उठाते  हुए कहा: वह आसमानी फ़रिश्ते थे। 
इस पर अबू लहब भड़क उठा और उसने एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा और ज़मीन पर पटक दिया और अपनी भड़ास निकालने के लिए अबू राफे को पीटे जा रहा था। 
वहाँ अब्बास की बीवी "उम्मुल फ़ज़्ल" भी मौजूद थी। उसने एक छड़ी उठाई और अबू लहब के सर पर दे मारी और कहा : क्या तूने इस कमज़ोर आदमी को अकेला समझा है?
अबू लहब का सर फट गया और उस से खून बहने लगा। 
सात दिन के बाद अस के बदन में बदबू पैदा हो गई , उसके मुंह पर ताऊन के दाने निकल आये और वह उसी बीमारी से वासिले जहन्नम हो गया। 
उसके बदन से इतनी बदबू आ रही थी के लोग उसके नज़दीक जाने की जुरअत नहीं करते थे। 
उसे मक्का से बाहर ले जाया गया और दूर से उस पर पानी डाला और उस के बाद उसपर पथ्थर फेंके , यहाँ तक के उस का नजिस बदन पथ्थर और मिटटी के नीचे छुप गया। 

14 अक्टूबर 2013

क्या हज एक पिकनिक हो गया है?

भांजा: मामूजन, सऊदी अरब के जीज़ान शहर के पेश इमाम ने हज को एक पिकनिक ( picnic ) से ताबीर किया है . उन्होंने यह क्यों कहा ?
मामूनजान : बेटा आजकल हज पिकनिक की तरह ही होता जा रहा है . विमान से 5 घंटे में मीकात पहुंचे , एहराम  बांधकर बस में बैठे, मक्का पहुंच गए .
आलीशान होटल में रहने , सुंदर और AC बसों में यात्रा , अच्छे  प्रकार के खाने , अराफात से मिनी air condition ट्रेन में मिना पहुंचे , चौड़े चौड़े तीन शैतान को कंकरी मारी ( पहले तीन स्तंभ थे जिन पर निशाना लगाना आसान नहीं था , लेकिन अब तकरीबन चालीस फिट चौड़ी दीवार है ) बेहतरीन  किस्म के खेमे जिसमें उच्च प्रकार के कालीन बिछे हुए और barbeque में लगे सीख कबाब और मुर्गी प्रदर्शन , ताज़ा और  शुद्ध पानी की व्यवस्था , विश्व प्रसिद्ध ' फास्ट फूड ' होटल , नरम तकिया ,आरामदेह बिस्तर , उठते बैठते सुविधाएं. यह सब picnic के लक्षण नहीं तो और क्या है?
असली  हज कहां गया ? लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक क्यों ? बलिदान का मतलब क्या है? सफा  और मारवाह को अल्लाह की निशानी क्यों कहा गया है ? प्रयास का मतलब क्या है ? तवाफ़ क्यों किया जाता है ? हजरे असवद क्या याद दिलाता है ? मकामे इब्राहीम क्यों है ? मुस्तजार  का इतिहास क्या है? हिज्र इस्माइल में कितने अम्बिया दफन हैं ? मिजाबे रहमत के  नीचे प्रार्थना मांगने की पुण्य क्या है?
इन सब बातों से हाजियों  की  बहुमत ना वाकिफ है  ...... ज़रा सी तकलीफ़ से हाजी को हालते इह्राम में गुस्सा आ जाता है .
हाजी यह भूल जाता है यह वही अल्लाह का घर है जिसका तवाफ़ अम्बिया ने किया, उनके औसिया ने बजा लाया , इस्लाम के बुज़ुर्ग ओलमा  ने उसका चक्कर लगाया.
हज में जितनी तकलीफ  हो उतना ही सवाब है. हज पर एक दिरहम  खर्च करना हजार दिरहम के बराबर है. अराफात में ठहेरने से वह पापों से मुक्त हो जाता है.
रसूल (स.) के नवासे इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने 25 / हज मदीना से मक्का पैदल किया था.
इसमें कोई शक नहीं कि बहुतों के लिए अब हज 'पिकनिक' हो चुका है, लोग सिर्फ 'हाजी' का लेबल ले कर वहाँ से वापस आते हैं.

14 मार्च 2011

उमरह रवानगी

Hajare Aswad, Hajj 2009
मरहूम बेच्चन बाबा के फ़रज़न्द मौलाना मोहम्मद अख्तर रिज़वी मए कहारी और मए पिसरान आज सुबह उमरह करने के लिए बम्बई से जद्दाह के लिए रवाना हो गए. दो हफ़्तों का यह टूर मदीना और मक्काह का है. अल्लाह तआला इनकी ज़ियारात और उमरह को कामयाब करे.
तकरीबन दो बरसों से उमरह बजा लाने का रुझान मोमिनीन के दरमियान में इजाफा हुआ है. ख़ास तौर पर मार्च और अप्रैल के महीनों में. इस मौसम में सिर्फ 35 हज़ार रोप्यों में उमरह मोकम्मल हो जाता है. जब की हज्ज अदा करने के लिए एक लाख सत्तर हज़ार का खर्च बैठता है. खोदा तमाम हज्ज, उमरह और जियारत की तमन्ना रखने वालों को मुशर्रफ करे. आमीन.