कल 9 रजब को हमारे दादा मरहूम सय्यद अमीर अली रिज़वी की 26 वीं बरसी है. मरहूम का इन्तेकाल 1985 में तकरीबन 95 साल की उम्र में करारी में हुआ था. मरहूम इलाहाबाद और करारी परगना के अतराफ में अपने दौर के जाने माने मर्सिया खाँ थे. अक्रबा परवरी की एक मिसाल से.
कर्बला की जियारत का भी शरफ हासिल किया था. उनके दौर में इमाम हुसैन (अ.स.) की जियारत के लिए जाना नहीं था, पानी के जहाज़ से बसरा (इराक) सफ़र किया जाता था और वहां से रेल से कर्बला जाना पड़ता था.