आज करारी जामे मस्जिद में नमाज़े ज़ोह्र से पहले मरहूम सय्यद मंज़ूर तकवी उर्फ़ कज्जन,की पहली बरसी की मजलिस हुई जिसे प्रोफ़ेसर अबुल कासिम साहब ने ख़िताब किया. मरहूम का गुज़िश्ता साल कानपूर में इन्तेकाल हुआ और उनकी तद्फीन करारी में हुई. बरसी की मजलिस में तमाम बेटे और दामाद शरीक थे. मरहूम ने अपनी हयात के आखरी साल का हज अदा किया और मुहर्रम में हर मजलिस में मौजूद रहते थे.
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