05 सितंबर 2011

करारी में वुरूद

आज कल करारी का मौसम बारिश के वक़्त और बारिश के बाद बहुत ही खुशगवार, लेकिन चन्द घंटों के बाद बग़ैर पंखा चलाए सुकून नहीं मिलेगा. 
कल, इतवार को करेली से करारी तक का सफ़र उछलते हुए कटा. सड़क पर बारिश ने गढ़े बना दिए. मारुती वैन वैसे भी अच्छी सड़क पर उछलती कूदती हुई दौड़ती है, इस मौसम में तो उसका हक बनता है की मुसाफिरों को सुकून से बैठने न दे.
कार में सामान ज्यादा होने की वजह से उछलने में थोड़ी कमी ज़रूर थी क्यूंकि वोह packing का काम दे रहा था.
घने बादल आए बरसे और चले गए. यह सिलसिला दिन में कई बार चलता रहा.
झींगुर, मेंडक और दीगर हशारात की आवाजें एक सुहाना background का समाँ बांधे हुए है.
बिजली की हालत बहुत अच्छी है. शाम 7 से सुबह 7 बजे  तक आना तो लाज़मी है. अगर और मेहरबान हुई तो दोपहर 11 से 3 बजे भी गर्मी की उमस से राहत देने आ जाएगी.
अब मौसम का मजीद लुत्फ़ उठाना है   तो अपने वतन आ जाइए.