कुछ अरसे से बीमार चल रहे सय्यद वज़ीर हैदर कल 28 जमादिल अव्वल को मीरा रोड में इन्तेकाल कर गए.
मरहूम दीनदार थे और हज्जो ज्यारात का फ़रीज़ा अदा कर चुके थे. हज् में रोज़े अरफा की दुआ, उर्दू तर्जुमा के साथ आपने ही छपवाया था. आप एक नफासत पसंद शख्सियत थीं. अपने रिश्तेदारों का ख़याल करते थे. अपने वतन अंडहरा से बेलौस मोहब्बत थी. पाबन्दी से हर साल मुहर्रम वहीँ गुजारते.
आज बोम्बे के कब्रस्तान रह्मताबाद में सिपुर्दे ख़ाक कर दिए गए. अल्लाह मरहूम की मग्फेरत करे.