My Karari
01 अगस्त 2010
सुरूद: या इमामे ज़माँ आप क्यूँ हैं निहां
यह तराना तकरीबन दस साल पहले बॉम्बे में १५ शाबान के जश्न में पढ़ा गया था . इस तराने को मरहूम अल्लामा जीशान हैदर जवादी ने लिखा था. इस को स्कूल के बच्चों ने बहुत ख़ूबसूरती से पढ़ा है.
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