01 दिसंबर 2013
इंटरनेट कि दुनिया
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28 नवंबर 2013
26 नवंबर 2013
मुख़्तार भाई का ऑपरेशन कामयाब रहा
भोपाल में रिहाइश पज़ीर, अग्योना के आदिल अख़तर उर्फ़ मुख़्तार भाई का दिल का ऑपरेशन अल्हम्दुलिल्लाह कामयाब रहा.
मुम्बई के लीलावती अस[अस्पताल से ख़ारिज होकर कल वोह मीरा रोड जाएंगे इंशाअल्लाह।
मौसूफ़ ने आधा दर्जन से ज़यादा इस्लामियत पर किताबें लिखीं हैं.
अल्लाह सुब्हानहु व तआला उन्हें जल्द अज़ जल्द तंदुरुस्ती दे ताकि वोह इमाम हुसैन (अ.स.) कि अज़ादारी में अपना वक़्त दे सकें।
मुम्बई के लीलावती अस[अस्पताल से ख़ारिज होकर कल वोह मीरा रोड जाएंगे इंशाअल्लाह।
मौसूफ़ ने आधा दर्जन से ज़यादा इस्लामियत पर किताबें लिखीं हैं.
अल्लाह सुब्हानहु व तआला उन्हें जल्द अज़ जल्द तंदुरुस्ती दे ताकि वोह इमाम हुसैन (अ.स.) कि अज़ादारी में अपना वक़्त दे सकें।
अल्लाहुम्मा ईश्फ़े कुल्ला मरीज़
मुम्बई में चार मरीज़ अस्पताल में दाखिल हैं जिन में 3 का ऑपरेशन होना है.
१. वसीम (मलाड/वसई ) के 8 साला फ़र्ज़न्द जो मुहर्रम में मंझनपुर में छत से गिर गए थे, KEM हस्पताल में दाखिल हैं. उनकी रीढ़ कि हड्डी का मसला है.
२. मरहूम याक़ूब हसन रिज़वी के छोटे फ़र्ज़न्द जनाब एहतेशाम हसन रिज़वी, जिंका ऑपरेशन हो चुका है और वोह हिंदुजा हस्पताल में हैं ,
३. मासूम आपा जो मरहूम मेहमूद सरोश साहब कि दुख्तर हैं और जनाब शमीम अब्बास कि शरीके हयात हैं उन्हें हार्ट प्रॉब्लम है वोह भी हिंदुजा हस्पताल में ज़ेरे इलाज हैं
४. अग्योना के आदिल अख्तर (मुख़्तार) साहब जो भोपाल में रहते हैं वोह मुम्बई के लीलावती अस्पताल में दाख़िल हैं और उनकी ओपन हार्ट सर्जरी होने वाली है
आप लोगों से गुज़ारिश है कि इन मरीज़ों के जल्द शिफ़ायाब होने कि दुआ करें।
१. वसीम (मलाड/वसई ) के 8 साला फ़र्ज़न्द जो मुहर्रम में मंझनपुर में छत से गिर गए थे, KEM हस्पताल में दाखिल हैं. उनकी रीढ़ कि हड्डी का मसला है.
२. मरहूम याक़ूब हसन रिज़वी के छोटे फ़र्ज़न्द जनाब एहतेशाम हसन रिज़वी, जिंका ऑपरेशन हो चुका है और वोह हिंदुजा हस्पताल में हैं ,
३. मासूम आपा जो मरहूम मेहमूद सरोश साहब कि दुख्तर हैं और जनाब शमीम अब्बास कि शरीके हयात हैं उन्हें हार्ट प्रॉब्लम है वोह भी हिंदुजा हस्पताल में ज़ेरे इलाज हैं
४. अग्योना के आदिल अख्तर (मुख़्तार) साहब जो भोपाल में रहते हैं वोह मुम्बई के लीलावती अस्पताल में दाख़िल हैं और उनकी ओपन हार्ट सर्जरी होने वाली है
आप लोगों से गुज़ारिश है कि इन मरीज़ों के जल्द शिफ़ायाब होने कि दुआ करें।
25 नवंबर 2013
24 नवंबर 2013
सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला
हसन अशरफ कि मजलिसे तरहीम
मरहूम हसन अशरफ कि रेहलत के 6 माह मोकम्मल होने पर उनके ईसाले सवाब के लिए आज नमाज़े ज़ोहरैन के बाद मुम्बई कि बांद्रा शिया जामा मस्जिद में मजलिसे अज़ा रख्खी गई जिसमें हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सय्यद हसनैन करारवी ने खिताबत कि.
मजलिस में मरहूम के तमाम ख़ानदान के अफ़राद और दोस्त अहबाब शरीक थे.
आप से मरहूम के लिए एक सूरह फातेहा कि दरख़ास्त है.
मजलिस में मरहूम के तमाम ख़ानदान के अफ़राद और दोस्त अहबाब शरीक थे.
आप से मरहूम के लिए एक सूरह फातेहा कि दरख़ास्त है.
20 नवंबर 2013
इंटरनेट में पिछड़ा उत्तरप्रदेश
करारी में अपनी सुस्त रफ्तारी कि वजह से इंटरनेट ने माय करारी को अपडेट करने का मौक़ा नहीं दिया
लखनऊ पहुँच कर अब अप्डेट मुमकिन हुआ है।
आप सभी को करारी का मुहर्रम के अपडेट से महरूम होने पर हमें अफ़सोस है.
मुहर्रम से मुताल्लिक़ जो भी यादें और तसावीर हैं , वोह आप से शेयर करेंगे। इंशा अल्लाह
लखनऊ पहुँच कर अब अप्डेट मुमकिन हुआ है।
आप सभी को करारी का मुहर्रम के अपडेट से महरूम होने पर हमें अफ़सोस है.
मुहर्रम से मुताल्लिक़ जो भी यादें और तसावीर हैं , वोह आप से शेयर करेंगे। इंशा अल्लाह
21 अक्टूबर 2013
19 अक्टूबर 2013
17 अक्टूबर 2013
एजाज़ की वालेदा की रेहलत के 6 माह
15 अक्टूबर 2013
14 अक्टूबर 2013
क्या हज एक पिकनिक हो गया है?
भांजा: मामूजन, सऊदी अरब के जीज़ान शहर के पेश इमाम ने हज को एक पिकनिक ( picnic ) से ताबीर किया है . उन्होंने यह क्यों कहा ?
मामूनजान : बेटा आजकल हज पिकनिक की तरह ही होता जा रहा है . विमान से 5 घंटे में मीकात पहुंचे , एहराम बांधकर बस में बैठे, मक्का पहुंच गए .
आलीशान होटल में रहने , सुंदर और AC बसों में यात्रा , अच्छे प्रकार के खाने , अराफात से मिनी air condition ट्रेन में मिना पहुंचे , चौड़े चौड़े तीन शैतान को कंकरी मारी ( पहले तीन स्तंभ थे जिन पर निशाना लगाना आसान नहीं था , लेकिन अब तकरीबन चालीस फिट चौड़ी दीवार है ) बेहतरीन किस्म के खेमे जिसमें उच्च प्रकार के कालीन बिछे हुए और barbeque में लगे सीख कबाब और मुर्गी प्रदर्शन , ताज़ा और शुद्ध पानी की व्यवस्था , विश्व प्रसिद्ध ' फास्ट फूड ' होटल , नरम तकिया ,आरामदेह बिस्तर , उठते बैठते सुविधाएं. यह सब picnic के लक्षण नहीं तो और क्या है?
असली हज कहां गया ? लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक क्यों ? बलिदान का मतलब क्या है? सफा और मारवाह को अल्लाह की निशानी क्यों कहा गया है ? प्रयास का मतलब क्या है ? तवाफ़ क्यों किया जाता है ? हजरे असवद क्या याद दिलाता है ? मकामे इब्राहीम क्यों है ? मुस्तजार का इतिहास क्या है? हिज्र इस्माइल में कितने अम्बिया दफन हैं ? मिजाबे रहमत के नीचे प्रार्थना मांगने की पुण्य क्या है?
इन सब बातों से हाजियों की बहुमत ना वाकिफ है ...... ज़रा सी तकलीफ़ से हाजी को हालते इह्राम में गुस्सा आ जाता है .
हाजी यह भूल जाता है यह वही अल्लाह का घर है जिसका तवाफ़ अम्बिया ने किया, उनके औसिया ने बजा लाया , इस्लाम के बुज़ुर्ग ओलमा ने उसका चक्कर लगाया.
हज में जितनी तकलीफ हो उतना ही सवाब है. हज पर एक दिरहम खर्च करना हजार दिरहम के बराबर है. अराफात में ठहेरने से वह पापों से मुक्त हो जाता है.
रसूल (स.) के नवासे इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने 25 / हज मदीना से मक्का पैदल किया था.
इसमें कोई शक नहीं कि बहुतों के लिए अब हज 'पिकनिक' हो चुका है, लोग सिर्फ 'हाजी' का लेबल ले कर वहाँ से वापस आते हैं.
मामूनजान : बेटा आजकल हज पिकनिक की तरह ही होता जा रहा है . विमान से 5 घंटे में मीकात पहुंचे , एहराम बांधकर बस में बैठे, मक्का पहुंच गए .
आलीशान होटल में रहने , सुंदर और AC बसों में यात्रा , अच्छे प्रकार के खाने , अराफात से मिनी air condition ट्रेन में मिना पहुंचे , चौड़े चौड़े तीन शैतान को कंकरी मारी ( पहले तीन स्तंभ थे जिन पर निशाना लगाना आसान नहीं था , लेकिन अब तकरीबन चालीस फिट चौड़ी दीवार है ) बेहतरीन किस्म के खेमे जिसमें उच्च प्रकार के कालीन बिछे हुए और barbeque में लगे सीख कबाब और मुर्गी प्रदर्शन , ताज़ा और शुद्ध पानी की व्यवस्था , विश्व प्रसिद्ध ' फास्ट फूड ' होटल , नरम तकिया ,आरामदेह बिस्तर , उठते बैठते सुविधाएं. यह सब picnic के लक्षण नहीं तो और क्या है?
असली हज कहां गया ? लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक क्यों ? बलिदान का मतलब क्या है? सफा और मारवाह को अल्लाह की निशानी क्यों कहा गया है ? प्रयास का मतलब क्या है ? तवाफ़ क्यों किया जाता है ? हजरे असवद क्या याद दिलाता है ? मकामे इब्राहीम क्यों है ? मुस्तजार का इतिहास क्या है? हिज्र इस्माइल में कितने अम्बिया दफन हैं ? मिजाबे रहमत के नीचे प्रार्थना मांगने की पुण्य क्या है?
इन सब बातों से हाजियों की बहुमत ना वाकिफ है ...... ज़रा सी तकलीफ़ से हाजी को हालते इह्राम में गुस्सा आ जाता है .
हाजी यह भूल जाता है यह वही अल्लाह का घर है जिसका तवाफ़ अम्बिया ने किया, उनके औसिया ने बजा लाया , इस्लाम के बुज़ुर्ग ओलमा ने उसका चक्कर लगाया.
हज में जितनी तकलीफ हो उतना ही सवाब है. हज पर एक दिरहम खर्च करना हजार दिरहम के बराबर है. अराफात में ठहेरने से वह पापों से मुक्त हो जाता है.
रसूल (स.) के नवासे इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने 25 / हज मदीना से मक्का पैदल किया था.
इसमें कोई शक नहीं कि बहुतों के लिए अब हज 'पिकनिक' हो चुका है, लोग सिर्फ 'हाजी' का लेबल ले कर वहाँ से वापस आते हैं.
13 अक्टूबर 2013
अरब लीग और जंग बंदी
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12 अक्टूबर 2013
दुआ का कुबूल होना
पैग़म्बरे इस्लाम (स. अ.) ने फ़रमाया:
या अली! ख़ुदा वनदे आलम ऐसे आदमी की दुआ को जो ज़बान से तो निकले ,दिल उस से ग़ाफिल हो, कोबूल नहीं करता।
या अली! ख़ुदा वनदे आलम ऐसे आदमी की दुआ को जो ज़बान से तो निकले ,दिल उस से ग़ाफिल हो, कोबूल नहीं करता।
11 अक्टूबर 2013
खेल या तेजारत और सियासत
करारी में जश्ने अबू तालिब का छटा साल
06 अक्टूबर 2013
25 सितंबर 2013
24 सितंबर 2013
"लईम " किसे कहते हैं?
भांजा: मामूजान "लईम " किसे कहते हैं?
मामूजान: समाज में ऐसे लोग भी होते हैं जो अपनी ज़िन्दगी दौलत कमाने में सर्फ़ कर देते हैं, हलाल और हराम जारिए का ख्याल भी नहीं करते हैं. ऐसे अफराद अपनी कमाई में से कोई हिस्सा ज़रुरत मंदों में तकसीम नहीं करते बल्कि सिर्फ अपने और अपने घर वालों पर खर्च करते हैं, ऐसे अफराद को "बखील"यानी कंजूस कहा जाता है.
और एक तबका मोआशरे में ऐसा होता है जो दौलत इकठ्ठा करता है इन्फाक नहीं करता न अपने और न अपने घर वालों पर खर्च करता है इस शख्स को "लईम" कहते हैं,
दौलत होते हुवे भी वोह बद हाल रहता है और दूसरों से अपनी ज़रूरीयात की तवक़्क़ो रखता है..
मामूजान: समाज में ऐसे लोग भी होते हैं जो अपनी ज़िन्दगी दौलत कमाने में सर्फ़ कर देते हैं, हलाल और हराम जारिए का ख्याल भी नहीं करते हैं. ऐसे अफराद अपनी कमाई में से कोई हिस्सा ज़रुरत मंदों में तकसीम नहीं करते बल्कि सिर्फ अपने और अपने घर वालों पर खर्च करते हैं, ऐसे अफराद को "बखील"यानी कंजूस कहा जाता है.
और एक तबका मोआशरे में ऐसा होता है जो दौलत इकठ्ठा करता है इन्फाक नहीं करता न अपने और न अपने घर वालों पर खर्च करता है इस शख्स को "लईम" कहते हैं,
दौलत होते हुवे भी वोह बद हाल रहता है और दूसरों से अपनी ज़रूरीयात की तवक़्क़ो रखता है..
23 सितंबर 2013
तबाही और बर्बादी
22 सितंबर 2013
समर हसन की जानिब से मुम्बरा में तशक्कुर की महफ़िल
कल रात मुम्बरा में समर हसन रिज़वी ने अपने फरजंद अरमान रिज़वी के शिफ़ा याब होने पर एक महफ़िल का इनेक़ाद किया।
नमाज़े मग़रिब के बाद इस मुख़्तसर से प्रोग्राम में हलचल आज़मी और मोहसिन जैदी साहेबान ने अपना कलाम पढ़ा और मौलाना एहसान हैदर साहब ने तक़रीर की.
सोहाना कंपाउंड की मस्जिद में हुवे इस प्रोग्राम का इफ्तेताह खुद समर हसन ने किया।
आज इसी सोहाना में एक मजलिसे तरहीम बाद नमाज़े मग़रिब रखी गई जिसमें मौलाना मुन्तसिर साहब (मोहसिन) खिताबत फ़रमाएंगे।
यह मजलिस समर हसन की मरहूमा वालेदा के ईसाले सवाब के लिए है.
नमाज़े मग़रिब के बाद इस मुख़्तसर से प्रोग्राम में हलचल आज़मी और मोहसिन जैदी साहेबान ने अपना कलाम पढ़ा और मौलाना एहसान हैदर साहब ने तक़रीर की.
सोहाना कंपाउंड की मस्जिद में हुवे इस प्रोग्राम का इफ्तेताह खुद समर हसन ने किया।
समर हसन अपना कलाम पेश करते हुए |
यह मजलिस समर हसन की मरहूमा वालेदा के ईसाले सवाब के लिए है.
21 सितंबर 2013
मुसलमानों की टोपी
20 सितंबर 2013
केसन, कुछ यादें
वादिस सलाम, करारी में मरहूम केसन 2007 सोज़ पढ़ते हुए।
18 सितंबर 2013
आबिद रज़ा की मुबारकबाद
17 सितंबर 2013
इमाम रेज़ा (अ.स.) की विलादत मुबारक हो
आप सभी लोगों की ख़िदमत में आठवें इमाम, हज़रत अली रेज़ा की विलादत पर मुबारकबाद।
27 अगस्त 2013
24 अगस्त 2013
16 अगस्त 2013
15 अगस्त 2013
29 जुलाई 2013
17 जुलाई 2013
मुंबई के जैनाबिया इमाम बाड़े में मजलिसे तरहीम
मंगल 16 जुलाई को ज़ेनाबिया इमामबाड़े में मरहूम सय्यद ग़ुलाम हसनैन करारवी की 17 वीं बरसी पर मजलिसे अज़ा इनेक़ाद किया गया था।
तिलावते कुरआन मजीद की तिलावत शमीम करारवी ने की, सोज़ ख्वानी नय्यर जौनपुरी ने की और मोमिनीन को हुज्जतुल इस्लाम मौलाना हसनैन ने खिताब किया।
मजलिस के बाद इफ्तार का भी इंतज़ाम था। मुंबई के कोने कोने से दोस्त, अहबाब, अज़ीज़ो अकारिब ने शिरकत की।
तिलावते कुरआन मजीद की तिलावत शमीम करारवी ने की, सोज़ ख्वानी नय्यर जौनपुरी ने की और मोमिनीन को हुज्जतुल इस्लाम मौलाना हसनैन ने खिताब किया।
मजलिस के बाद इफ्तार का भी इंतज़ाम था। मुंबई के कोने कोने से दोस्त, अहबाब, अज़ीज़ो अकारिब ने शिरकत की।
शमीम क़ुरआन की तिलावत करते हुए |
12 जुलाई 2013
03 जुलाई 2013
21 जून 2013
मरहूम हसन अशरफ (प्यारे रज़ा) का बीसवां
कल रात मरहूम हसन अशरफ इब्ने अज़हर हसन (जो की करारी में प्यारे रज़ा के नाम से जाने जाते थे) के बीसवें की मजलिस उनके दौलत खाने पर हुई। जिसमें मौलाना अब्बास आलम साहब ने खिताबत फरमाई। मजलिस के बाद माहिर ने एक छोटा सा नौहा भी पढ़ा।
मरहूम का इन्तेक़ाल 6 जून को हरकते क़ल्ब बंद हो जाने की वजह से हुआ था।
इंशा अल्लाह 7 जुलाई को रिज़वी कॉलेज बांद्रा में सुबह 11 बजे मरहूम का चेहलुम है।
मौलाना अब्बास आलम साहब मजलिस पढ़ते हुए |
लेबल:
azhar hasan,
chehlum majlis,
hasan ashraf,
karari
20 जून 2013
18 जून 2013
17 जून 2013
26 मई 2013
एजाज़ हैदर को सदमा
इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलैहे राजेऊन
तकरीबन 2 घंटे पहले रिज़वी कॉलेज के एजाज़ हैदर की वाल्वेदा का इलाहबाद में इन्तेक़ाल हो गया।
तद्फीन कल होगी।
एजाज़ से 09890151852 पर राबता किया जा सकता है. वो मीरा रोड, मुंबई में हैं।
लेबल:
ajaz haider,
allahabad,
mira road,
rizvi college
23 मई 2013
20 मई 2013
14 मई 2013
12 मई 2013
मरहूमा अमीर फातेमा की 2 3 वीं बरसी
मीरा रोड, मुंबई में मुकीम, मोहम्मद मुरताज़ा (नब्बन चचा) की वालेदा मरहूमा अमीर फातेमा बिन्ते फैज़ मोहम्मद की आज 2 3 वीं बरसी के मौके पर उनके दौलत ख़ाने संघवी अम्पायर पर मजलिसे अज़ा मुंअक़िद होगी जिसमें मौलाना सय्यद हसनैन करार्वी साहब का बयान होगा।
आप से गुज़ारिश है की एक सूरा फातेहा पढ़ कर मरहूमा को बख्श दें।
10 मई 2013
08 मई 2013
05 मई 2013
इमामिया हाल, देल्ही में कल रात जश्ने इस्मत मुनअक़िद हुआ
मौलाना सय्यद हसनैन करारवी , मौलाना मुमताज़ अली और अन्ज़ार सीतापुरी |
इस जश्न की निज़ामत जनाब मौलाना जवाद हैदर ने की और ज़मीर इलाहाबादी, अन्ज़ार सीतापुरी के अलावा दुसरे शोअरा ने अपना कलाम पेश किया।
मौलाना सय्यद हसनैन करारवी ने रूह परवर तक़रीर की।
ये महफ़िल तकरीबन 2 0 बरसों से इमामिया हाल में मुंअकिद होती चली आ रही है।
रशीद भाई की रूह आज परवाज़ कर गई
04 मई 2013
हुज्र इब्ने अदी कौन थे ?
30 अप्रैल 2013
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