My Karari
12 अक्टूबर 2013
दुआ का कुबूल होना
पैग़म्बरे इस्लाम (स. अ.) ने फ़रमाया:
या अली! ख़ुदा वनदे आलम ऐसे आदमी की दुआ को जो ज़बान से तो निकले ,दिल उस से ग़ाफिल हो, कोबूल नहीं करता।
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