06 जुलाई 2009

हमारी फूफी का इन्तेकाल हो गया .





निहायत ही अफ़सोस के साथ यह ख़बर दी जा रही है की हमारी फुफी अनीस फातेमा (बन्नी) का आज सुबह नौ बजकर तीस मिनट पर करारी में इन्तेकाल हो गया है, एक अरसे से वो बीमार थीं । तदफीन आज शाम को वादिस सलाम में होगी । आप लोगों से गुज़ारिश है की नमाजे मग़रिब और ईशा के दरमियान मरहूमा के लिए नमाजे वहशत पढ़ें । अनीस फातेमा बिन्ते अमीर अली ।
नमाजे वहशत किस तरह पढ़ें ?
दो रकत नमाज़े वहशत : नमाजे सुबह की तरह। नीय्यत : नमाज़े वहशत, मरहूम या मरहूमा का नाम । पहली रकत में सूरह अल हम्द के बाद एक बार आयतल कुर्सी पढ़ें , दूसरी रकत में सूरह अल हम्द के बाद सूरह कद्र (इन्ना अन्ज़लना) पढ़ें ।