07 नवंबर 2010

करारी में ग़मी और खुशी की ताक्रीबात जारी

दो तीन दिनों से करारी में ग़मी और खुशी की ताक्रीबात जारी हैं और सिलसिला एक हफ्ते तक जारी रहेगा. सनीचर को दोपहर ११ बजे शिया जमे मस्जिद में  मर्हूमा ततहीर फातेमा बीनते रमजान हुसैन के सेव्वोम की मजलिस हुई जिसे मौलाना अबुल कासिम साहब ने खिताब किया. मरहूमा की तद्फीन जुमा के रोज़ असर के वक़्त हुई थी.
अबुल कासिम साहब सेव्वोम की मजलिस पढ़ते हुए 
 शाम को नमाज़े मग्रेबैन के बाद शिया जामे मस्जिद में एक और मजलिस हुई जिसे मौलाना एहसन अब्बास साहब ने पढी . यह मजलिस मरहूम आक़ा हसन के ईसाले सवाब के लिए थी .
आज भी करारी की शिया जामे मस्जिद में मरहूम आका हसन इब्ने नाज़िर हुसैन के चेहलुम की मजलिस थी. जिसे बॉम्बे से आये मौलाना सय्यद हसनैन करार्वी ने खिताब फ़रमाया . हसनैन साहब ने नवें इमाम , इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.स.) की शहादत की मुनासेबत से उनकी ज़िन्दगी के हालात बयान किये. मजलिस के बाद नमाज़ बा जमा अत और फिर डिप्टी साहब के इमामबाड़े में नजर का एहतेमाम था.
मौलाना हसनैन साहब चेहलुम की मजलिस पढ़ते हुए.