अम्बाही बाग़ की मातमी अंजुमन, अंजुमने अब्बसिया ने 6 मुहर्रम की शब् में छोटे तालाबपर में मजलिस के बाद नौहा पढ़ा था।
27 दिसंबर 2012
26 दिसंबर 2012
22 दिसंबर 2012
ज़हनों में यह आवाज़ गूंजेगी बरसों
मरहूम सय्यद मोहम्मद हामिद रिज़वी का आठ रबिउल अव्वल में पढ़ा नौहा।
21 दिसंबर 2012
अन्डेहरा के दिलदार भाई
यह आवाज़ अन्डेहरा के मरहूम दिलदार भाई की है।
अपनी ज़िन्दगी का एक अरसा मरहूम ने मुंबई में गुज़ारा।
ज़िन्दा दिल और खुशमिज़ाज इंसान थे।
मुंबई में बच्चों को घर घर गुब्बारे बेच कर अपने गाँव में अपना आबाई इमामबाडा बनवाया।
एक सुरह फातेहा से ज़रूर याद करें।
मौलाना एहसान हैदर जवादी के मकान पर मुसालमा
मौलाना एहसान हैदर जवादी के मकान अस्मिता हेरिटेज में रात 8.00 बजे सातवें इमाम की विलादत के मौक़े पर मुसालमा था।
तकरीबन 7 शोअरा ने अपना कलाम पेश किया। जिसमें हैदराबाद से आए हुए मजहरुल हक़्क़ साहब भी थे। निज़ामत डॉ अब्बास आलम के हाथों में थी।
तकरीबन तमाम ही शोअरा के कलाम को मोमिनीन ने पसंद किया बिल्खुसुस मजहरुल हक़्क़, शमीम अब्बास और हलचल आज़मी ने।
मौलाना एहसान हैदर साहब ने अपने 72 बंद के मरसिए का इफ्तेताह करते हुए उस में से चंद बंद सामईन की नज़र किया।
मुसालमा light refreshment पर इखतिताम पज़ीर हुआ।
शमीम अब्बास के 4 मिसरे बतौर तबररुक पेशे ख़िदमत हैं:
तकरीबन 7 शोअरा ने अपना कलाम पेश किया। जिसमें हैदराबाद से आए हुए मजहरुल हक़्क़ साहब भी थे। निज़ामत डॉ अब्बास आलम के हाथों में थी।
तकरीबन तमाम ही शोअरा के कलाम को मोमिनीन ने पसंद किया बिल्खुसुस मजहरुल हक़्क़, शमीम अब्बास और हलचल आज़मी ने।
मौलाना एहसान हैदर साहब ने अपने 72 बंद के मरसिए का इफ्तेताह करते हुए उस में से चंद बंद सामईन की नज़र किया।
मुसालमा light refreshment पर इखतिताम पज़ीर हुआ।
शमीम अब्बास के 4 मिसरे बतौर तबररुक पेशे ख़िदमत हैं:
तशद्दुद, ज़ुल्म, हट धरमी जो सुल्तानों में रहती है
ब मुश्किल तालेबान अब हम मुसलमानों में रहती है
दरिंदों से सिवा वहशी ब नामे दीने हक़्क़ जो हैं
कहाँ हैवानियत उन जैसी हैवानों में रहती है।
20 दिसंबर 2012
अबू मोहम्मद रिज़वी ने मरसिया पढ़ा
रौशन अली के इमामबाड़े में 5 मुहर्रम को जनाब अबू मोहम्मद रिज़वी ने पयाम आज़मी का मुसद्दस "जिहाद" पढ़ा। नीचे उसी का ऑडियो पेश है।
19 दिसंबर 2012
18 दिसंबर 2012
ताबूत रखते हुए पढ़ा जाने वाला नौहा
6 मुहर्रम की रात छोटे तालाबपर के इमामबाड़े के बाहर चबूतरे पर ताबूत रखते हुए पढ़ा जाने वाला नौहा।
16 दिसंबर 2012
15 दिसंबर 2012
मरसिया के चंद बंद
बांद्रा east के 25 मोहररम के जुलूस के ख़त्म होने पर मजलिस होती और उस से पहले पेश खानी।
जावेद रिज़वी ने चाँद बंद मरसिया के पढ़े थे जिसकी रिकॉर्डिंग आप की खिदमत में पेश की जा रही है।
लेबल:
25 moharram,
bandra east,
javed rizvi,
marsiya
13 दिसंबर 2012
मंझनपुर की एक मोमिना का इन्तेक़ाल
कुल्लो नफ़सिन ज़ाएक़तुल मौत
इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलैहे राजेऊन
मंझनपुर के सक्कन भाई की बहेन कनीज़ सय्यदा (बूंदन) का आज इन्तेकाल हो गया।
कल 14 दिसम्बर को मंझनपुर में तद्फीन दोपहर 2 बजे होगी।
आप से सुरे फातेहा और कल शाम मगरिब की नमाज़ के बाद नमाज़े वहशत की दरखास्त है।
करारी की करबला में 72 ताबूत
लखनऊ, सिरसी और हिंदुस्तान के मुख्तलिफ शहरों के बाद अब करारी की करबला में 72 ताबूत आज बरामद हुए। प्रोग्राम 10 बजे शुरू हुआ। मौलाना ज़ोहैर कैन साहब की तक़रीर और मौलाना जवाद हैदर साहब का 72 शोहदा के तआरुफ़ ने प्रोग्राम को कामयाब बनाया।
अंजुमने अत्फाले हुसैनी की ये कोशिश काबिले सताइश रही। अत्फाल ने एक बहुत बड़ी तकरीब अंजाम दी, जिसे राशिद रिज़वी की मदद ने बच्चों का हौसला बढ़ाया।
सुल्तानपुर की अंजुमन मदऊ की गई थी। करारी की अंजुमने अब्बसिया ने भी नौहा खानी और सीना ज़नी की।
तकरीबन तीन से चार हज़ार मोमिनीन ने शिरकत की।
नहरे फोरात और ख़ेमा गाह की शबीह |
11 दिसंबर 2012
सुरह फातेहा की गुज़ारिश
अम्बाही के दिसम्बर की 5 को जनाब सगीर हसन इब्ने मोहम्मद हसन का इन्तेकाल हो गया और तद्फीन 6 दिसम्बर को कर्बला में हुई। मरहूम 90 साल से ज्यादा ज़िन्दगी गुज़री। पस्मंदागान में तीन लड़कियां थीं। मठुम बहुत खुश मिज़ाज थे और हमेशा मुस्कुराते रहते। दो साल की अलालत के बाद अपने मालिके रब्बानी से जा मिले।
आप लोगों से एक सुरह फातेहा की गुज़ारिश है।
09 दिसंबर 2012
03 दिसंबर 2012
01 दिसंबर 2012
मुहर्रम के बाद बॉम्बे वापसी
करारी कर्बला में शामे गरीबां का मंज़र |
इन सब आसानियों के बावजूद करारी में 'इन्टरनेट ' सेवा बहुत ही ख़राब है।
मुहर्रम में नेट की सुस्त रफ्तारी की वजह से update करना मुश्किल हो गया था। करारी की अज़ादारी के सिलसिले में मालूमात बहुत हैं, बॉम्बे वापसी हो रही है इंशाअल्लाह थोडा थोडा करके upload होता रहेगा। आप की दुआ दरकार है।
20 नवंबर 2012
करारी में धीमा इन्टरनेट नेट वर्क
करारी में इन्टरनेट का बहुत सुस्त और धीमा नेट वर्क होने से कोई पोस्ट अपलोड नहीं हो पा रही है।
500 kb की फोटो अपलोड करने में 20 से 25 मिनट लग रहे हैं।
मुहर्रम मजलिस और जुलूस की रिपोर्ट न देने की वजह से बहुत अफ़सोस है। अब तमाम रिपोर्ट्स बॉम्बे पहुँच कर अपलोड होंगी इंशा अल्लाह .
500 kb की फोटो अपलोड करने में 20 से 25 मिनट लग रहे हैं।
मुहर्रम मजलिस और जुलूस की रिपोर्ट न देने की वजह से बहुत अफ़सोस है। अब तमाम रिपोर्ट्स बॉम्बे पहुँच कर अपलोड होंगी इंशा अल्लाह .
16 नवंबर 2012
लल्ली मियां के मकान पर मजलिसे अज़ा
लेबल:
ambahi,
hashim ali,
lalli,
qasim ali,
taboot
15 नवंबर 2012
मुहर्रम 1434: अय्यामे अज़ा का आगाज़
मुहर्रम का चाँद नमूदार हो चुका है। दुनिया भर के अज़ादार गमे हुसैन (अ,स) मनाने के लिए आमादा हो चुके है। अज़ाखाने सज चुके हैं। फरशे अज़ा बिछ चुका है। सबीलें लग चुकी हैं। हर तरफ नौहा ख्वानी हो रही है।
करारी में भी चाँद देखा गया। आज पहली मुहर्रम की शब् है। अभी थोड़ी ही देर में अम्बाही बाग़, नया गंज में ज़ाहिद अली साहब के मकान पर मजलिस होने जा रही है और बाद मजलिस शबीहे अलमो ताबूत बरामद होंगे।
कल पहली मुहर्रम को नमाज़े ज़ोहरैन के बाद करबला के क़रीब, हीरा भाई के घर पर मजलिस होगी और उसके बाद शबीहे अलम , ताबूत और ज़ुलजनाह बरामद होँगे। यह जुलूस अभी चंद साल पहले से बरामद हो रहा है।
ग्यारह मुहर्रम को मजलिसे तरहीम
14 नवंबर 2012
केसन भाई के दोनों हाथों में लड्डू ।
अल्लाह तआला केसन भाई को बा सेहत रख्खे।
बहुत अच्छी और दर्द भरी सोज़ ख्वानी करते हैं।
रोते हुए को हंसाते हैं और हँसते हुए को देख कर मुस्कुराते हैं।
बा हुनर इंसान हैं लेकिन अपने हुनर को तरक्क़ी के लिए इस्तेमाल नहीं करते। छमिरछा को रहीमपुर मुलानी पर तरजीह दी।
रहीमपूर मुलानी में 7 रबीउल अव्वल को जुलूसे अमारी निकालते हैं।
बहुत मेहनत करते हैं। बहुत अच्छा शबीहे ज़ुल्जनाह सजाते हैं।उसके जेवरात का ख़ास ख़याल रखते हैं।
महफ़िल की ज़ीनत हैं। अगर केसन भाई बोल रहे हों तो सब ख़ामोश रहते हैं, सिर्फ सुनकर लुत्फ़ अन्दोज़ होते है।
उन जैसा क़िस्सा गो परगना करारी में मुश्किल से मिलेगा।
अगर कैमरे के सामने भी ऐसी गुफ्तगू करें तो सीरियल के अच्छे नायक हो जाएं।एहकाम की पाबंद शख्सियत हैं। परवरदिगार इनकी परेशानियों को दूर करे। आमीन रब्बल आलमीन
केसन भाई के दोनों हाथों में लड्डू है। यानी दीन और दुनिया |
लेबल:
केसन भाई,
छमिरछा,
ज़ुल्जनाह,
रहीमपुर मुलानी,
सोज़ ख्वानी
11 नवंबर 2012
10 नवंबर 2012
आज इलाहबाद, क़ाज़ी जी की मस्जिद में मजलिसे तरहीम
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allahabad,
husain fatema,
masjid qazi,
sheru,
shilu
08 नवंबर 2012
दर की है ज़िद ........
मरहूम दबीर सीतापुरी अपने बेहतरीन अंदाज़ में 13 रजब के मौके पर क़सीदा पढ़ते हुए।
सुनिए और उन्हें सूरह फातेहा से याद करिए।
अल्लाह मरहूम पर रहमत नाजिल करे।
06 नवंबर 2012
मीरा रोड में महफिले ग़दीर
मीरा रोड में जनाब हुसैन आलम के दौलत कदे पर हर साल की तरह इम्साल भी 4 नवम्बर को महफिले मक़ासिदा का इह्तेमाम किया गया।
जिसमें 10/12 मौला के चाहने वालों ने अपना कलाम पढ़ा।
पढ़ने और सुनने वालों की खिदमत में तहाइफ़ पेश किए गए और ज़म ज़म बिरयानी पर प्रोग्राम इख्तेताम पज़ीर हुआ।
नीचे दो कलाम का ऑडियो है। जनाब हसन ईलाहाबादी और मुनीर फैज़ाबादी की अपनी आवाज़ में।
जिसमें 10/12 मौला के चाहने वालों ने अपना कलाम पढ़ा।
पढ़ने और सुनने वालों की खिदमत में तहाइफ़ पेश किए गए और ज़म ज़म बिरयानी पर प्रोग्राम इख्तेताम पज़ीर हुआ।
नीचे दो कलाम का ऑडियो है। जनाब हसन ईलाहाबादी और मुनीर फैज़ाबादी की अपनी आवाज़ में।
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ghadeer,
hasan allahabadi,
mira road,
muneer faizabadi
04 नवंबर 2012
03 नवंबर 2012
24 अक्टूबर 2012
21 अक्टूबर 2012
14 अक्टूबर 2012
क्या कोई इन साहब का असल नाम बता सकता है?
10 अक्टूबर 2012
08 अक्टूबर 2012
21 सितंबर 2012
मौलाना मोहम्मद आमिर काज़मी करारी से विदा हुए
करारी जामे मस्जिद के इमामे जुमा और जमात मौलाना मोहम्मद आमिर काज़मी करारी से विदा हुए, मौलाना ने ईरान जाने का प्रोग्राम बनाया है। काज़मी साहब तकरीबन डेढ़ साल तक जमे मस्जिद में अपनी खिदमात दे रहे थे।
अपनी इमामत के दौरान अपनी एहलिया के हमराह मरहूम सय्यद ग़ुलाम हसनैन करार्वी के मकान पर कयाम पजीर रहे।
करारी जामे मस्जिद की कमिटी ने नए इमामे जमात की तलाश शुरू कर दी है।
अगर करारी का कोई फर्द इस सिलसिले में कोई राय देना चाहता है तो वोह करारी जामे मस्जिद के मेनेजर जनाब शमीम हैदर साहब से राबता कर सकता है।
अपनी इमामत के दौरान अपनी एहलिया के हमराह मरहूम सय्यद ग़ुलाम हसनैन करार्वी के मकान पर कयाम पजीर रहे।
करारी जामे मस्जिद की कमिटी ने नए इमामे जमात की तलाश शुरू कर दी है।
अगर करारी का कोई फर्द इस सिलसिले में कोई राय देना चाहता है तो वोह करारी जामे मस्जिद के मेनेजर जनाब शमीम हैदर साहब से राबता कर सकता है।
19 सितंबर 2012
15 सितंबर 2012
"एहानते रसूल" की मज़म्मत पर इरफ़ान इलाहाबादी के चार मिसरे
अफ़सोस का मक़ाम है इरफ़ान जाने क्यूँ ?
तौहीने मुस्तफा प भी लब खोलते नहीं
हैरत ये है की हिंद के हिन्दू हैं मोतरिज़
सब बोलते हैं पर ये अरब बोलते नहीं
12 सितंबर 2012
सिब्ते भाई कुरआन पढ़ते हुए
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sibte
07 सितंबर 2012
ऑन मोहम्मद रिज़वी
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aun mohammad,
mahim,
mehfile panjatan,
ramadhan
05 सितंबर 2012
03 सितंबर 2012
02 सितंबर 2012
27 अगस्त 2012
22 अगस्त 2012
21 अगस्त 2012
19 अगस्त 2012
14 अगस्त 2012
09 अगस्त 2012
मुसलमानों पर 30 रोज़े क्यूँ फ़र्ज़ किए गए
किताब "मन ला यहज़ुर" में हज़रत अली (अ.स.) से मन्कूल है, आप ने फ़रमाया:
यहूदियों का एक गिरोह रसूले ख़ुदा (स.अ.) की खिदमत में हाज़िर हुआ. उनके आलिम ने हज़रत से कुछ मसाएल पूछे, उन में एक मसला यह भी था के अल्लाह तआला ने आप की उम्मत पर तीस गिन के रोज़े क्यूँ फ़र्ज़ किए जब की दूसरी उम्मतों पर इससे ज़्यादा रोज़े फ़र्ज़ थे?
उन हज़रत (स.अ.) ने फ़रमाया:
जब हज़रत आदम ने शजरे मम्नूआ का फल खाया तो वह तीस दिनों तक उनके पेट में बाक़ी रहा, इस लिए अल्लाह तआला ने उनकी औलाद के लिए तीस दिन तक खाना पीना मम्नू करार दिया. रात के वक़्त खाने की इजाज़त अल्लाह तआला का खुसूसी एहसान है और यही एहसान आदम पर भी किया गया था.
(तफसीरे नूरुस सक़लैन, जिल्द 2 सफहा 118 )
लेबल:
adam. yahudi,
fasting in islam,
imam ali (a.s.),
quran
08 अगस्त 2012
04 अगस्त 2012
01 अगस्त 2012
इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलैहे राजेऊन
सरैय्याँ के अमीर हसन जो कैसर के नाम से जाने जाते थे, कल मालोनी मलाड में दिल का दवरा पड़ने से इन्तेकाल हो गया।
तद्फीन आज रेह्मताबाद, मजगांव में रात 9 बजे होगी.
मरहूम के लिए नमाज़े वहशत पढना न भूलें।
31 जुलाई 2012
लखते हसनैन के घर कूंडा
23 जुलाई 2012
21 जुलाई 2012
20 जुलाई 2012
इमाम महदी (अ.स.) की शान में सादिक़ रिज़वी का क़सीदा
मुंबई में मुक़ीम, करारी के शाएर सादिक रिज़वी साहब ने अपना कलाम शाबान के मौक़े पर My Karari के लिए खुसूसी तौर पर रिकॉर्ड करवाया
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imam mahdi,
my karari,
qaseeda,
sadiq rizvi
18 जुलाई 2012
17 जुलाई 2012
16 जुलाई 2012
मीरा रोड, मुंबई में खतीब के घर महफ़िल
करारी,इलाहबाद के नवजवान शाएर जावेद रिज़वी के छोटे भाई ख़तीब साहब के मकान पर रात महफिले मुक़सिदा का इनेकाद हुआ था। यह महफ़िल इमामे ज़माना (अ.स.) की शान में हर साल शाबान के आखरी इतवार को होती है।
महफ़िल में इलाहबाद से आए हुए कई अफराद मौजूद थे। ओलमा हज़रात में मौलाना क़मर महदी, मौलाना एहसान हैदर जवादी, मौलाना जवाद हैदर जवादी और मौलाना हसनैन करारवी तशरीफ़ फरमा थे। रिज़वान हैदर जवादी ने हर अच्छे शेर पर खुल कर दाद दी।
इलाहबाद से मुख़्तार रिज़वी और जावेद रिज़वी ने महफ़िल में शिरकत की। अब्बास आलम साहब ने नेज़ामत के फ़राएज़ जावेद रिज़वी को सौँप दिया.
बहुत अच्छे अच्छे कलाम पढ़े गए। रोशन करारवी , मुख़्तार रिज़वी ने वाह वाही लूटी। हुसैन आलम ने छोटी बहेर में बेहतरीन कसीदा कहा।
फहीम इलाहाबादी के शानदार और मुख़्तसर कलाम पर महफ़िल का इख्तेताम हुआ।
1BHK के फ्लैट में "10ftx15ft" के हॉल में यह एक बड़ी महफ़िल थी। बॉम्बे में अपने घर पर मजलिस और महफ़िल करना एक बड़ी बात है।
महफ़िल में इलाहबाद से आए हुए कई अफराद मौजूद थे। ओलमा हज़रात में मौलाना क़मर महदी, मौलाना एहसान हैदर जवादी, मौलाना जवाद हैदर जवादी और मौलाना हसनैन करारवी तशरीफ़ फरमा थे। रिज़वान हैदर जवादी ने हर अच्छे शेर पर खुल कर दाद दी।
इलाहबाद से मुख़्तार रिज़वी और जावेद रिज़वी ने महफ़िल में शिरकत की। अब्बास आलम साहब ने नेज़ामत के फ़राएज़ जावेद रिज़वी को सौँप दिया.
बहुत अच्छे अच्छे कलाम पढ़े गए। रोशन करारवी , मुख़्तार रिज़वी ने वाह वाही लूटी। हुसैन आलम ने छोटी बहेर में बेहतरीन कसीदा कहा।
फहीम इलाहाबादी के शानदार और मुख़्तसर कलाम पर महफ़िल का इख्तेताम हुआ।
1BHK के फ्लैट में "10ftx15ft" के हॉल में यह एक बड़ी महफ़िल थी। बॉम्बे में अपने घर पर मजलिस और महफ़िल करना एक बड़ी बात है।
हैदर अब्बास साहब अपना कलाम पढ़ते हुए |
15 जुलाई 2012
ओन मोहम्मद रिज़वी साहब की दोख्तर का निकाह
मुम्बरा में मुक़ीम करारी के जनाब ओन मोहम्मद रिज़वी साहब की दोख्तर अज़ीज़ फातेमा सल्लमहा का निकाह मौलाना मोहसिन हसन इब्ने ज़फरुल हसन (बनारस) के हमराह 27 जून को क़ाज़ीजी की मसजिद, बख्शी बाज़ार, इलाहबाद में नमाज़े मग़रेबैन के बाद हुआ।
इस तकरीब में करारी से तमाम रिश्तेदार मोजूद थे। बारात का इस्तेकबाल करेली के दुल्हन पैलेस में किया गया.
भाई ओन मोहम्मद रिज़वी साहब को उनके 09821719933 नंबर पर मुबारकबाद दे सकते हैं।
इस तकरीब में करारी से तमाम रिश्तेदार मोजूद थे। बारात का इस्तेकबाल करेली के दुल्हन पैलेस में किया गया.
भाई ओन मोहम्मद रिज़वी साहब को उनके 09821719933 नंबर पर मुबारकबाद दे सकते हैं।
13 जुलाई 2012
12 जुलाई 2012
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