21 दिसंबर 2012

अन्डेहरा के दिलदार भाई

यह आवाज़ अन्डेहरा के मरहूम दिलदार भाई की है। 
अपनी ज़िन्दगी का एक अरसा मरहूम ने मुंबई में गुज़ारा। 
ज़िन्दा दिल और खुशमिज़ाज इंसान थे। 
मुंबई में बच्चों को घर घर गुब्बारे बेच कर अपने  गाँव में अपना आबाई इमामबाडा बनवाया।
एक सुरह फातेहा से ज़रूर याद करें।

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