02 मई 2021

जव की रोटी

अमीरुल मोमिनीन  हज़रत अली (अ.स.)  केवल जव की रोटी ही खाते थे । आप गेहूं की रोटी नहीं खाते।

यहां तक ​​कि लोग हैरत  से  पूछते  कि इस कम  खुराक से आप उन लोगों के मुकाबले  बेहतर हैं  जो आपके खिलाफ लड़े थे। आपको इस खोराक में कमज़ोरी महसूस नहीं होती? 

मवला  अली (अ.स.) ने जवाब दिया: 

आगाह रहो, कि सूखे रेगिस्तान में उगने वाले पेड़ों की शाखाएं सख्त होती हैं और जो सब्जियां या पौधे सुंदर दिखते हैं उनकी छाल नाजुक होती है। 

जंगली पौधों और झाड़ियों की आग तेज और टिकाऊ होती है। 

हरे पौदे  एक क्षण में बुझ जाता है नाज़ व् नेमत में पलने वाले पौधे  बेद की तरह हवा के हर झोंके से हिलते और झुकते रहते हैं।

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