My Karari
19 जनवरी 2011
रजअत क्या है?
मौलाना रज़ा हैदर साहब, 11 मुहर्रम को करारी की वादीस सलाम में मरहूम सय्यद ग़ुलाम हसनैन करार्वी के कब्र के सरहाने मजलिस पढ़ते हुए. उनका मौज़ू "रजअत" था. मजलिस शाम 4 बजे शुरू हुई.
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