अबूल जारूद का बयान हैः
‘‘अल्लाह उस शख़्स के कानों को बेहरा कर दे जिस तरह उसने उसकी आँखों को अंधा किया उगर उस ने हज़रत अबू जाफ़र (इमाम मुहम्मद बाक़िर - अलैहिसस्लाम) को यह कहते हुए नहीं सुना जब किसी ने उन से यह कहा किः ‘‘फलाँ शख़्स हमें एक नाम से पुकारता है।’’
इमाम (अलैहिस्सलाम) ने पूछाः ‘‘वह नाम क्या है?’’
उस शख़्स ने जवाब दियाः ‘‘वह हमें राफ़िज़ा (ठुकराने वाले) पुकारता है।’’
तब इमाम बाक़िर (अलैहिस्सलाम) ने अपने सीने पर हाथ रखते हुए फ़रमायाः ‘‘मैं राफ़िज़ा में से हूँ और वह (राफ़िज़ी) हम में से है।’’
यह बात इमाम (अलैहिस्सलाम) ने तीन मर्तबा दोहराई।
📖 हवाले
• अल-महासिन अज़ अहमद अल-बरकी, पृ. १५७, ह. ९१
• बिहारुल अनवार, जि. ६५, पृ. ९७, ह. २
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