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सरदार हुसैन उर्फ़ नय्यर मर्सिया पढ़ते हुए |
15 दिसंबर 2010
बड़ा घर का इमामबाड़ा
बड़ा घर का इमामबाड़ा जिसे लोग बड़ा दरवाज़ा भी कहते हैं और जो तेल्यापर में है, वहां रोजाना सुब्ह 8.30 मजलिस का वक़्त तय है. यह अशरा खानदान के अलग अलग के जिम्मे है. हर मजलिस बटी है. पांच मुहर्रम को अबू मोहम्मद-औंन मोहम्मद के हिस्से में आती है. इस मजलिस में सय्यद मोहम्मद हामिद रिज़वी साहब मर्सिया पढ़ते हैं और ग़ज़ब का पढ़ते हैं. लेकिन इस साल उनकी तबियत नासाज़ होने की वजह से वोह इलाहाबाद से ना आ सके थे. दैनिक जागरण के संवाद दाता नय्यर को मर्सिया पढना पड़ा. अच्छा मर्सिया पढ़ा. अल्लाह उनकी सलाहियतों में इजाफा करे.
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