17 दिसंबर 2010

करारी में आशूरा का जुलूस

आज करारी में आशूरा का जुलूस बड़ी शानो शौकत से निकाला गया. तीन बड़े ताज़िए तीन अलग अलग मोहल्लों से निकलकर कर्बला पहुँचते हैं. एक ताजिया तालाब्पर से, दूसरा खर्कापर और तीसरा तेल्या पर से बरामद होते हैं. तेल्यापर के बड़ा दरवाज़े के इमामबाड़े में पहले शेहाब ने मुख़्तसर मसाएब पढ़ा उसके बाद सुब्बन रिज़वी ने मर्सिया पढ़ा और आखिर में मौलाना जवाद हैदर ने चाँद फिकरे मसाएब के पढ़े. जुलूस के इख्तेताम पर ज़ोरदार मातम पर नौहा "शब्बीर बहुत ही प्यासे थे इक बूँद नहीं पाया पानी" पढ़ा गया. इमाम बाड़ा रौशन  अली में फाक़ा  शिकनी कराई गई और ज़ियारते ताजियत पढ़ी गई.