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मौलाना ज़मीर हैदर साहब मसेब पढ़ते हुए |
चार मुहर्रम को करारी पहुँचने पर पहली मजलिस तालाबपर की मिली. जनाब यूसुफ़ साहब के इमामबाड़े पर यह मुस्तकिल अशरा मुनाकिद हो रहा है. चार मुहर्रम को जनाब अली अकबर (अ.स.) के शबीहे ताबूत बरामद होते हैं. शेरू ने एक तवील नौहा पढ़ा उसके बाद एक और नौजवान ने उससे भी तूलानी नौहाखानी की. मजलिस मौलाना ज़मीर हैदर साहब ने पढी. तबर्रुक में दो दो तंदूरी रोटियाँ तकसीम हुईं.
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