18 दिसंबर 2010

मरहूम मौलाना आबिद हुसैन की सालाना याद

दोशम्बा 13 मुहर्रम को शिया जामे मस्जिद में सुब्ह दस बजे मरहूम मौलाना सय्यद आबिद हुसैन ताबा सरह की रेहलत की सालाना याद मनाते हुए एक मजलिसे अज़ा का इनेक़ाद उनके पस्मंदगान ने किया है. करारी में मौजूद मोमिनीन से शिरकत की दरख़ास्त है. मरहूम करारी के उन ओलमा में शुमार किये जाते हैं जो अपनी सरज़मीन से मोहब्बत रखते थे और फ़ख्र से अपने नाम के आगे करार्वी लिखते थे . यही नहीं बल्कि मरहूम ने अपनी तद्फीन की वसीयत कर्बला के लिए की. आप से उनके के लिए सुरह फातेहा की गुज़ारिश है.