इमामबाडा रोशन अली में हर 6 मुहर्रम को 70
साल से शबीहे गह्वारए हज़रात अली असग़र बरामद होते आ रहे हैं.
आज की मजलिस मौलाना मुन्तजिर महदी ने पढ़ी. मजलिस के बाद एक ही नौहा पढ़ा जा सका क्यूंकि जुमा का रोज़ था, नमाज़े जुमा ज़वाले आफ़ताब की वजह से 11
.45
पर अज़ान होनी थी.
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मौलाना मुन्तजिर मजलिस पढ़ते हुए |
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