06 दिसंबर 2011

आज 9 मुहर्रम को करारी में अज़ादारी

आज  नों मुहर्रम को कोई जुलूस नहीं बरामद हुआ.
सिर्फ नमाज़े जोहर के बाद अहाता में गहवारा निकला गया.
रिज़वी कॉलेज में सालाना मजलिस हुई. हुसैन भाई ने निजामत के फराएज़  अन्जाम इस शेर से दिया.
अजब  मजाक था इस्लाम की तकदीर के साथ 
कटा हुसैन का सर नारए  तकबीर  के साथ
अबू मोहम्मद ने अपने चहेते शाएर जनाब पयाम आज़मी साहब का मुसद्दस बड़े जोशीले अंदाज़ से पढ़ा.
मजलिस जनाब मौलाना ज़ोहैरकैन साहब ने पढ़ी. उन्हों ने एक बहुत अहेम बात कही और कहा की मजलिस से क़ब्ल माइक  पर बानी मजलिस बहुत जोर नौहे का केसिट लगा देते हैं यह मुनासिब नहीं है. यह तफरीह है. अज़ादार अपनी कार में नौहा ऊँची आवाज़ में लगाए घुमते हैं. यह ठीक नहीं  है.
मजलिस के बाद हुसैन भाई ने मुख़्तसर  सा  नौहा पढ़कर  ज़िआरत   पर प्रोग्राम  को इख्तेताम  तक  पहुँचाया .
Rizvi  College Hall


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