30 दिसंबर 2011

आह! हामिद चचा

यह मरसिया "इल्मो अमल" के उन्वान से मरहूम सय्यद मोहम्मद हामिद रिज़वी ने मरहूम वालिदे अल्लाम सय्यद गुलाम हसनैन करारवी के चेहलुम पर करारी शिया जामे मस्जिद में पढ़ा था.
यह मरसिया मशहूर मरसिया निगार जनाब उम्मीद फाजली का है. जिस खूबसूरत अंदाज़ से हामिद चचा मरहूम ने पढ़ा है वोह काम उम्मीद फाजली खुद न कर सके.
वालिदे अल्लाम का चेहलुम फ़रवरी 1996  में हुवा   था.
मरसिया सुनने के बाद मरहूम को सुरे फातेहा से नवाजना न भूलें और आज नमाज़े वहशत पढना फरामोश न करें.
तद्फीन आज दर्याबाद, इलाहाबाद में शाम साढे 4 बजे के आस पास होगी.


2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

razi bhi shukr guzar hon ghar se door hon dekha to anso a gaye allah marhoom ko jaware masoom men jagha inayat kare

बेनामी ने कहा…

Hamid bhai ka inteqal ek sanha e azeem hai Allah marhoom ki maghferat kare. Aap hamare yahan har saal 17 safar ki majlis me Pesh Khwani me MArsiya parhte the Jise momneen bahut pasand karte the. Allah unhe jaware rahmat
me jagah de Ameen S.Mohammad Hasnain Rizvi(Bachhan Makhupuri)C54/B,Jitarnagar Delhi-51
Phone 011-22459640 09968202964